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स्कूल टीचर के कारनामे से अभिभावक परेशान,बच्चों को बिठाकर हुए घर को फरार

Byadmin

Aug 9, 2025

 

लखीसराय – बिहार के मुख्यमंत्री जी सावधान हो जाए आपका वोट बैंक बिगाड़ने में स्कूल टीचर भी अहम योगदान निभा रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय दुर्गा स्थान मटर स्थान में इन दिनों अधिकारी संग विद्यालय के शिक्षक और प्रभारी भी नए-नए खेल खेलने को तैयार हो गए हैं। इस खेल से किसी को फायदा हो या ना हो पर गांव के जो बच्चे शिक्षा हासिल करने इस विद्यालय में जाते है उन्हें अशिक्षित रहना होगा या कम जानकारी मिलेगी और शिक्षक शिक्षिका सेलरी जरूर पा लेगे जिससे उनके बच्चे इंजीनियर ऑफिसर जरूर बन जाएंगे।

 

8 अगस्त की दोपहर 11:30 बजे विद्यालय में एक भी शिक्षक बच्चे को पढ़ाते नजर नहीं आए जानकारी लेने पर पता चला कि प्रभारी सुमन कुमारी BRC गए हैं जिसकी जानकारी भी विद्यालय के शिक्षक संग BLO का कार्य करने वाले बृजेश कुमार ने दिया। बृजेश कुमार ने बताया कि मैडम मोबाइल यही छोड़ गए है।

 

लेकिन समय के साथ प्रभारी से लेकर शिक्षक भी विद्यालय से गायब दिखाई दिए। अब सवाल उठता है कि BLO स्कूल में क्या कर रहे थे और कुछ देर के बाद मैडम भी स्कूल से गायब हो गई क्या ये कोई सोची समझी खेल है। दूसरी और विद्यालय में बच्चों को लाने और ले जाने वाले राजू मांझी ने बताया कि एक शिक्षक बीएलओ का काम कर रहे हैं तो विद्यालय के प्रभारी भी गायब है.

 

वही जब बच्चों से जानकारी ली गई तो बच्चों ने बताया कि सुबह में शिक्षक देखे गए थे लेकिन महज 11:00 बजे के बाद कोई भी नजर नहीं आए जबकि विद्यालय का संचालन 2:00 बजे तक होना था। वहीं बोर्ड पर रक्षाबंधन लिखा हुआ पाया गया जबकि बच्चों को रक्षाबंधन के बारे में पूरी जानकारी बतानी थी लेकिन वह पूरी जानकारी छोड़ सिर्फ बोर्ड पर लिखा हुआ.

 

रक्षाबंधन ही बच्चे पढ़ पाए बाकी जानकारी बच्चों को किसी से नहीं मिल पाई। वही विद्यालय में शुक्रवार को मध्यान्ह भोजन भी नहीं बना इसकी वजह जानने पर पता चला कि खाना बनाने वाला चूल्हा टूट गया है यानी मिट्टी का चूल्हा टूट जाने के बाद मध्यान भोजन नहीं बन पाया, इसमें कहीं ना कहीं प्रभारी की कोताही साफ नजर आई क्योंकि मिट्टी का चूल्हा टूटने के बावजूद भी लोग अपने घरों में खाना जरूर किसी न किसी तरीके से बना लेते हैं इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मोबाइल संख्या 9934418962 पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।

 

इसके उपरांत इसकी जानकारी ग्रामीण से ली गई तो पता चला कि गांव के ही शिक्षक इस विद्यालय में है और अब उनकी मनमानी चलनी शुरू हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि ना शिक्षक ना प्रभारी ना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी इस पर कोई संज्ञान लेने को तैयार हैं तो बच्चों का भविष्य कहां जाएगा। वही इस विद्यालय में बच्चों की संख्या मात्र 16 देखी गई जिम कक्षा एक दो तीन और चार के विद्यार्थी बैठे दिखाई दिए।

 

इन बच्चों से जानकारी लेने पर पाया गया कि आज सिर्फ किताब ही पढ़ना है वहीं बच्चों से कुछ सवाल करने पर बच्चों ने उसका जवाब नहीं दिया इससे पता चलता है कि बच्चों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी होने के कारण बच्चों को परिपूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है।


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