

(पटना से आर के पाण्डेय की रिपोर्ट)
सीतामढ़ी, पुनौराधाम: माँ जानकी की पावन जन्मस्थली, पुनौराधाम, में आज भव्य मंदिर निर्माण के लिए ऐतिहासिक भूमिपूजन समारोह संपन्न हुआ। इस गरिमामय अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ मिलकर इस महत्वपूर्ण परियोजना की आधारशिला रखी, जो बिहार की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देगी। समारोह में कई केंद्रीय मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।

यह शिलान्यास मात्र एक ईंट रखने का कार्य नहीं, बल्कि सदियों पुरानी धार्मिक धरोहर के संरक्षण और बिहार की गौरवशाली पहचान को पुनः स्थापित करने का एक सशक्त संकल्प है। पर्यटन विभाग के मंत्री राजू कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में पूरे क्षेत्र में एक उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला। स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने भी इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में शिरकत की।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह मंदिर निर्माण सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसी तर्ज पर माँ जानकी की जन्मस्थली का यह भव्य मंदिर भी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बनेगा। शाह ने इस परियोजना को बिहार के विकास से जोड़ते हुए कहा कि इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि पुनौराधाम मंदिर का निर्माण बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का एक बड़ा प्रयास है। कुमार ने बताया कि यह मंदिर बिहार के गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहाँ आकर्षित करेगा। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया कि इस महत्वपूर्ण कार्य में केंद्र का पूरा सहयोग मिला है।
883 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह भव्य मंदिर कुल 67 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला होगा। इसकी भव्यता और वास्तुकला को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर ही श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा। परियोजना की विस्तृत योजना में कई आधुनिक सुविधाओं को शामिल किया गया है ताकि यहाँ आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा, परिक्रमा मार्ग का भी निर्माण किया जाएगा, जहाँ भक्तगण शांति और भक्तिभाव से परिक्रमा कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, एक सुंदर वाटिका (गार्डन) बनाई जाएगी जो श्रद्धालुओं को प्रकृति के करीब लाएगी और उन्हें एक शांत वातावरण प्रदान करेगी। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने के लिए एक प्रदर्शनी केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहाँ माँ जानकी और रामायण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और कलाकृतियाँ प्रदर्शित की जाएंगी।
यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए एक आधुनिक कैफेटेरिया का निर्माण भी किया जाएगा, जहाँ वे जलपान कर सकेंगे। इन सुविधाओं के साथ-साथ, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अन्य आधुनिक व्यवस्थाएँ भी की जाएँगी, जो पुनौराधाम को विश्व मानचित्र पर एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित करेंगी। यह परियोजना बिहार के लिए एक नई सुबह का संकेत है, जहाँ धर्म, संस्कृति और विकास का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। पुनौराधाम का यह भव्य मंदिर न केवल एक धार्मिक केंद्र होगा, बल्कि यह बिहार की गौरवशाली परंपरा और प्रगति का भी प्रतीक बनेगा। इस ऐतिहासिक पहल ने बिहार के लोगों के मन में एक नई आशा और उत्साह का संचार किया है।
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