
ढाका, बांग्लादेश: अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को बीते साल जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध किए गए अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई है। न्यायाधिकरण के इस ऐतिहासिक और कड़े फैसले के बाद, डुक्सू (DUCSU – ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ) नेताओं और ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज पूरे उत्साह के साथ मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाईं।
कोर्ट के फैसले के जश्न में, डुक्सू ने सोमवार सुबह करीब 11:00 बजे फैसले की सार्वजनिक स्क्रीनिंग का आयोजन किया। पायरा चत्तर में लगाई गई एक बड़ी स्क्रीन पर फैसले को लाइव देखने के लिए बड़ी संख्या में छात्र टीएससी (TSC) में एकत्रित हुए। छात्रों में न्यायाधिकरण के निर्णय को लेकर भारी उत्साह और संतुष्टि देखने को मिली।

पूर्व गृह मंत्री को भी मृत्युदंड

ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना के साथ-साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मृत्युदंड सुनाया है। यह फैसला दर्शाता है कि न्यायाधिकरण जुलाई विद्रोह के दौरान हुए गंभीर अपराधों पर सख्त रुख अपना रहा है।
हालांकि, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, जिन्होंने सरकारी गवाह के रूप में गवाही दी थी, उन्हें इस मामले में राहत मिली है। न्यायाधिकरण ने उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई है।
यह घटनाक्रम बांग्लादेश की राजनीति और न्यायपालिका के लिए एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है, जो देश के इतिहास में दर्ज हो चुके गंभीर अपराधों की जवाबदेही तय करता है।
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