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नारायण आईटीआई चांडिल में मनी महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती; शिक्षा को राष्ट्र सेवा का माध्यम बनाने का लिया संकल्प

Byadmin

Dec 25, 2025

 

चांडिल (सरायकेला) | 25 दिसंबर 2025: राष्ट्रनिर्माता, महान स्वतंत्रता सेनानी और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती गुरुवार को लुपुंगडीह स्थित नारायण आईटीआई परिसर में श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर संस्थान के शिक्षकों और प्रशिक्षार्थियों ने महामना के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।

शिक्षा से ही संभव है सशक्त समाज का निर्माण

कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित मदन मोहन मालवीय जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण के साथ हुआ। संस्थान के संस्थापक डॉ. जटाशंकर पांडे ने अपने संबोधन में कहा, “मालवीय जी ने शिक्षा को राष्ट्र सेवा का सबसे सशक्त माध्यम माना था। उनका जीवन सत्य, सेवा और संस्कारों की प्रतिमूर्ति था, जो आज के युवाओं के लिए एक मशाल की तरह है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि संस्कारवान शिक्षा के माध्यम से ही हम एक अग्रणी समाज का निर्माण कर सकते हैं।

महामना का अतुलनीय योगदान

संस्थान के वक्ताओं ने मालवीय जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि:

उन्होंने 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) जैसी महान संस्था की स्थापना की।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी।

पत्रकारिता और समाज सुधार के जरिए राष्ट्रीय चेतना जागृत की।

उनके इन्ही महान कार्यों के लिए उन्हें मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

उपस्थिति

इस गरिमामय अवसर पर मुख्य रूप से ट्रस्टी संजय सिंह, इंदु कुमारी, प्राचार्य जयदीप पांडे, प्रकाश महतो, शांति राम महतो, देवाशीष मंडल, शुभम साहू, भगत लाल तेली, पवन महतो, गौरव महतो और निमाई मंडल सहित संस्थान के सभी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे।


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