

बलियापुर : झारखंड के धनबाद जिले में स्थित बलियापुर कुसमाटांड़ पंचायत का निपानिया मलिक टोला गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। देश में विकास की बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं, लेकिन इस गांव की हकीकत कुछ और ही है। यहां के ग्रामीणों को मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए पगडंडियों और खेतों से होकर जाना पड़ता है, क्योंकि आज तक इस गांव तक पहुंचने के लिए कोई उचित सड़क नहीं बनी है।
इस अभाव का सबसे ज्यादा असर गांव के बच्चों और बीमार लोगों पर पड़ता है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां के बच्चे कई किलोमीटर पैदल चलकर दूर के स्कूलों में जाते हैं। वहीं, स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो, गांव में किसी के बीमार पड़ने या किसी गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए लोग खटिया का इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं। ये एक ऐसी स्थिति है जो हमारे आधुनिक समाज पर एक सवाल खड़ा करती है।
इस गांव के लोगों की जिंदगी में एक तरह का ठहराव सा आ गया है। रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें भी उनके लिए एक संघर्ष बन गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के बारे में बात की है, लेकिन उनकी गुहार अभी तक अनसुनी है।
निपानिया मलिक टोला गांव की यह स्थिति सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि यह देश के उन दूरदराज इलाकों की तस्वीर पेश करती है, जहां आज भी विकास की किरण नहीं पहुंची है। सरकार को इन गांवों की सुध लेनी चाहिए ताकि यहां के लोग भी सम्मानजनक जीवन जी सकें।

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