

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर स्वाधार गृह कांड में विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा प्रमुख आरोपी थे. कोर्ट ने सुनवाई के बाद इन आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया.
कौन था आरोपी :

स्वाधार गृह में रह रही महिलाओं और बच्चों के गायब होने के मामले में कई लोग गिरफ्तार किए गए थे. इन आरोपियों में प्रमुख रूप से ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन और कृष्णा थे. यह मामला चर्चा में तब आया था जब 11 महिलाएं और उनके चार बच्चे गायब हो गए थे.

फैसले पर सुनवाई :
गुरुवार को मुजफ्फरपुर के विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट में तिहाड़ जेल से ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा की पेशी करायी गई. सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे और पहले से इस मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि निर्धारित की गई थी. न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
साक्ष्य के अभाव में बरी :
विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस द्वारा सही तरीके से जांच नहीं की गई, जिसके कारण आरोपियों को बरी किया गया. अभियोजन पक्ष के लोक अभियोजक मंगल प्रसाद ने भी इस मामले में पुलिस की जांच को दोषी ठहराया. वहीं, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के वकील प्रिय रंजन अन्नू ने अदालत के फैसले का स्वागत किया.
पुलिस की जांच उठे सवाल : इस फैसले ने न केवल आरोपी पक्ष को राहत दी, बल्कि इस मामले की जांच को लेकर कई सवाल भी खड़े किए हैं. विशेष कोर्ट के फैसले के बाद आरोपियों को तिहाड़ जेल वापस भेज दिया गया. अब इस मामले में पुलिस द्वारा की गई जांच और आरोपों की स्थिति पर पुनः विचार किया जाए.
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