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जानिये क्यों सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को पृथ्वी पर वापसी के बाद स्ट्रेचर पर ले जाया गया

ByBiru Gupta

Mar 19, 2025

 

वॉशिंगटन: स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी हो गई है। नासा के दोनों अंतरिक्ष यात्री भारतीय समय के हिसाब से बुधवार तड़के 3:27 बजे धरती पर उतरे। दोनों नौ महीने से ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद धरती पर लौटे हैं। कैप्सूल खुलने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर पर ले जाया गया। हालांकि वे बीमार या घायल नहीं हैं। इसके बावजूद दोनों को कैप्सूल से निकालकर स्ट्रेचर के जरिए ले जाया गया।

 

लाइव साइंट के मुताबिक, एस्ट्रोनॉट को धरती पर लौटने के बाद स्ट्रेचर पर ले जाने की प्रक्रिया सुनीता विलियम्स और विल्मोर के ISS (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) मिशन से जुड़ी नहीं है। यह एक प्रोटोकॉल है, जिसका सभी अंतरिक्ष यात्रियों को पालन करना होता है। इसकी वजह ये है कि अंतरिक्ष से लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट तुरंत चल नहीं पाते हैं। अंतरिक्ष में शरीर में अस्थायी बदलाव होते हैं। ऐसे में वापसी पर नासा इन बदलावों को लेकर सख्त सुरक्षा प्रक्रियाएं अपनाता है। इसी के तहत स्ट्रेचर का इस्तेमाल होता है।

 

स्ट्रेचर पर ले जाने की क्या है वजह

अंतरिक्ष से लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर पर क्यों ले जाने के कई कारण हैं। दरअसल अंतरिक्ष में रहने के दौरान उनके शरीर में कुछ बदलाव आते हैं। इन बदलावों के कारण उन्हें धरती पर वापस आने पर चलने में परेशानी होती है। टेक्सास में राइस यूनिवर्सिटी के एप्लाइड स्पोर्ट्स साइंस के डायरेक्टर जॉन डेविट ने बताया कि कई अंतरिक्ष यात्री स्ट्रेचर पर बाहर नहीं आना चाहते लेकिन उन्हें बताया जाता है कि यह जरूरी है।

 

 

डेविट के मुताबिक, अंतरिक्ष में रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस मोशन सिकनेस हो सकती है। जिस तरह रोलर कोस्टर या लहरों में नाव की सवारी करते समय मोशन सिकनेस होती है, उसी तरह अंतरिक्ष यात्रियों को भी धरती पर लौटने पर चक्कर और उल्टी जैसा महसूस हो सकता है। इसी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को लैंडिंग के बाद स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है, यह एक सावधानी है।

 

 

 

सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष में ले जाने वाला बोइंग स्टारलाइनर वापस लौटा

 

डेविट ने बताया कि हमारे आंतरिक कान में एक संवेदी वेस्टिबुलर सिस्टम होता है। यह संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है। अंतरिक्ष में यह सिस्टम कुछ संवेदी इनपुट को अनदेखा करने का आदी हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिमाग भारहीनता के अनुसार ढल जाता है। इसलिए जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटते हैं और गुरुत्वाकर्षण फिर से शुरू होता है, तो वे फिर से तालमेल बिठाना शुरू करते हैं। इससे अस्थायी रूप से स्पेस मोशन सिकनेस हो सकती है।


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