
हरियाणा में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की आत्महत्या के मामले ने सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। राज्य के एडीजीपी (अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस) वाई. पूरन कुमार की कथित आत्महत्या ने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जिसके चलते चंडीगढ़ पुलिस ने इस घटना की गहन जांच के लिए 6 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है।
सूत्रों के मुताबिक, एडीजीपी वाई. पूरन कुमार का शव उनके सरकारी आवास में बरामद हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह मामला कथित आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन घटना के हालात और परिस्थितियों को लेकर कई तरह के संदेह सामने आए हैं।

इसी वजह से पुलिस ने SIT को मामले की पूरी तहकीकात की जिम्मेदारी सौंपी है।इस SIT की निगरानी चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाएगी और इसमें विभिन्न शाखाओं के अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है। टीम का मकसद न केवल घटना के कारणों का पता लगाना है, बल्कि उच्च अधिकारियों की कथित भूमिकाओं और दवाब की भी जांच करना है।

बताया जा रहा है कि वाई. पूरन कुमार पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थे, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।घटनाक्रम के राजनीतिक आयाम भी सामने आए हैं। विपक्षी दलों ने मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रशासन में शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार और शक्ति का दुरुपयोग हो रहा है। वहीं, सरकार ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को किसी भी स्तर का संरक्षण नहीं मिलेगा।
सियासी तूफान के बीच यह मामला हरियाणा पुलिस प्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। SIT आने वाले दिनों में बयान दर्ज करने, साक्ष्य जुटाने और घटनास्थल का पुनः निरीक्षण करने जैसी कार्यवाहियों में जुटेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस विवादास्पद और दुखद घटना के असली कारण सामने आएंगे।
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