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झारखंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से गुरूजी शिबू सोरेन क़ो भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित

Byadmin

Aug 29, 2025

 

 

रांची : झारखंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता शिबू सोरेन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की गई है।

 

यह प्रस्ताव पक्ष और विपक्ष, दोनों के समर्थन से पारित हुआ, जो शिबू सोरेन के प्रति राज्य की राजनीतिक पार्टियों के सम्मान और आदर को दर्शाता है। शिबू सोरेन, जिन्हें झारखंड में “गुरुजी” के नाम से जाना जाता है, ने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा झारखंड और उसके लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बिताया है।

 

​शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ जिले में हुआ था। उनका शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा था। उन्होंने आदिवासियों के शोषण, विस्थापन और उनकी पहचान की रक्षा के लिए दशकों तक संघर्ष किया। 1970 के दशक में उन्होंने साहूकारों और जमींदारों के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन चलाया, जिसने उन्हें आदिवासी समुदाय के बीच एक मसीहा के रूप में स्थापित किया।

 

उनका सबसे बड़ा योगदान अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में रहा है। उन्होंने जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो जैसे नेताओं के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और इस आंदोलन को एक नई दिशा दी। उनका यह अथक संघर्ष आखिरकार 2000 में सफल हुआ, जब बिहार से अलग होकर झारखंड एक नया राज्य बना।

 

​मुख्यमंत्री के रूप में, शिबू सोरेन ने तीन बार झारखंड का नेतृत्व किया। हालांकि उनका कार्यकाल राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा, लेकिन उन्होंने हमेशा राज्य के विकास और आदिवासियों के कल्याण को प्राथमिकता दी। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका जीवन और राजनीतिक करियर न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी सादगी और संघर्ष के बल पर राजनीतिक ऊंचाइयों को छुआ। उनका संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि यह सामाजिक न्याय और आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने की एक लड़ाई थी।

 

​भारत रत्न के लिए उनका नाम प्रस्तावित करना उनके इन योगदानों को स्वीकार करने जैसा है। यह सम्मान न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित करेगा, बल्कि उन सभी आदिवासियों और वंचित समुदायों के संघर्ष को भी मान्यता देगा, जिनके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी। इस प्रस्ताव का पारित होना झारखंड की जनता की भावनाओं को दर्शाता है, जो उन्हें अपना नायक मानती है। यह मांग भारत सरकार के सामने एक मजबूत संदेश भेजती है कि शिबू सोरेन जैसे नेता, जिन्होंने देश के एक हिस्से के लोगों के लिए अथक संघर्ष किया है, सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं। शिबू सोरेन का जीवन और उनके आदर्श आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।


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