

बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शिला मंडल ना सिर्फ धानुक जाति के विकास की बात करती है बल्कि बिहार के उन तमाम ऐसे समुदाय और जाति के विकास के लिए संघर्ष करना चाहती है जो आज भी समाज के मुख्यधारा से नही जुड़ पाया है
रिपोर्ट:- सुनील आर्या
बिहार की परिवहन मंत्री श्रीमती शिला मंडल,सीएम नीतीश के साथ

बिहार में अतिपिछड़ा समाज से आनेवाली महिला मंत्री की चर्चा जोड़ो पर है, कम ही समय में जेडीयू पार्टी में लोकप्रिय मंत्री के रूप में पहचान स्थापित करने वाली परिवहन मंत्री शीला मंडल मधुबनी जिले के फुलपरास विधानसभा से विधायक चुनी गयी। ये अपने विंधानसभा क्षेत्र में भी काफी सक्रिय रहती हैं। साथ ही प्रदेश स्तर के अधिकतम कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के साथ शिरकत करती हैं। उन्होंने कम समय में जिस तरह अपनी पहचान बनाई है उससे जाहिर होता है कि वे परिपक्व राजनीतिज्ञ के रूप में बिहार के महिलाओं का नेतृत्व करेगी और आने वाले समय में मिथिलांचल के साथ हीं पूरे बिहार की गौरव बढ़ाएगी।

श्रीमती शिला मंडल धानुक जाति से आती हैं यह जाति अत्यंत पिछड़ा वर्ग में आज भी गिना जाता है। शिला मंडल ना सिर्फ धानुक जाति के विकास की बात करती है बल्कि बिहार के उन तमाम ऐसे समुदाय और जाति के विकास के लिए संघर्ष करना चाहती है जो आज भी समाज के मुख्यधारा से नही जुड़ पाया है।सामाजिक स्तर पर पिछड़ा हुआ है।उन सभी समुदाय के विकास, उसकी शैक्षणिक स्तर को बढ़ाना,उसे रोजगार, चिकित्सा ,और उनके बुनियादी जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार की योजनाएं बने और उनतक पहुँचे इसके लिए प्रयास करती है।शिला मंडल का मानना है कि नीतीश जी की सरकार ने बिहार को विकास के दौर में आगे लाने के लिए हर सम्भव कोशिश किया है।आज बिहार में जो भी बदलाव और समाज के कामजोर वर्गों में जागृति आयी है वह नीतीश जी की देन है।उन्होने कहा आज बिहार में सुशासन है,अपराधियों के हौसले टूटे हैं,स्कूल की व्यवस्था सुदृढ़ हुई है, गांव में भी पक्की सड़क बन गयी है।हालांकि बाढ़ ,सुखाड़, और कई ऐसे प्राकृतिक विपदा है जिससे राज्य की जनता और सरकार मुकाबला कर रही है।
इसके वाबजूद हरसम्भव प्रयास है कि राज्य की जनता के खुशहाली के लिए बेहतर काम हो।वे राज्य के विकास के नए आयाम के साथ ही जेडीयू पार्टी के विचारधारा को मजबूत और सशक्त बनाने में जुटी है।
अगर शिला मंडल के व्यक्तित्व की बात करें तो वह एक कुशल वक्ता और वाकपुटता के साथ अपने कार्यो के प्रति निष्ठा के लिए मंत्रीमंडल के अपने साथियों के बीच भी जानी जाती है। इन्होंने अपने समाज के प्रथम अमर शहीद रामफल मंडल जी के लिए भी जोड़ शोर से आवाज उठा चुकी है, जिसके लिए इन्हें अन्य प्रबुद्ध जातियों द्वारा विरोध का भी सामना करना पड़ा है।
फिर भी ये निर्भीक होकर इन्होंने कहा कि हर समाज के शहीद और देश के आजादी में प्राण न्यौछाबड़ करने वाले अमर शहीद को सम्मान मिलना चाहिए ताकि आने वाले दिनों में नए पीढ़ी के लोग उन्हें भूल ना जाये।रामफल मंडल के साथ भी ऐसा ही उपेक्षा हुआ।उनके साथ भेदभाव हुआ।हम है उन महापुरुष का सम्मान और उसके महत्व को स्वीकार करना चाहते हैं जिसके लिए इतिहास मौन है। महान व्यक्तित्व को समाज के
उन्होंने कहा कि हर प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को हमारे समाज में जन्म लेने महान सपूत अमर शहीद रामफल मंडल जी की जीवनी के साथ न्याय नहीं करना चाहिए।
जिस समय रामफल मंडल शहीद हुए उस समय सामाजिक भेदभाव था। जिसके कारण उन्हें वह सम्मान नही मिला जो आज एक शहीद को मिलना चाहिए। देश की आजादी में अपने प्राणों के बलि देने वाले गुमनाम शहीदों की गाथा को सामने लाना हम भारतीय का कर्तव्य है। बिहार में इसलिए हम लोग अमर शहीद रामफल मंडल विचार मंच के द्वारा और भी निम्न वर्गों के शहीदों के नाम को आगे लाने की कोशिश कर रहे हैं।
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