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मधुबनी के सतीश जायसवाल ने जर्मनी की फिल्मी दुनिया में मचाया धमाल

Byadmin

Jun 11, 2025

 

मधुबनी के शंकर चौक निवासी और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय बिंदेश्वरी चौधरी उर्फ हंटर बाबू के तीसरे बेटे सतीश प्रशांत जायसवाल इन दिनों जर्मनी की फिल्मी दुनिया में अपनी शानदार अदाकारी का जलवा बिखेर रहे हैं. 90 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके सतीश जर्मनी में एक जाने-माने सिने स्टार बन चुके हैं.

सतीश ने हिंदी सिनेमा के अभिनेताओं की मिमिक्री से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी. उनकी अदाकारी का जादू ऐसा चला कि आज वह जर्मनी के प्रमुख कलाकारों में गिने जाते हैं. हाल ही में अपने गृह नगर मधुबनी (शंकर चौक) आए सतीश ने बताया कि उनकी शुरुआती शिक्षा मधुबनी के स्कूल में हुई थी. उन्होंने इंटर की पढ़ाई जेएन कॉलेज से और बीए की पढ़ाई आरके कॉलेज से पूरी करने के बाद जर्मनी का रुख किया. जर्मनी में उन्होंने अपनी अदाकारी से फिल्म और टीवी सीरियलों में अपनी खास पहचान बनाई.

 

सतीश को बचपन से ही फिल्मी अभिनेताओं की मिमिक्री करने का शौक था, और वह खासकर अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं. अमिताभ बच्चन के डायलॉग्स की नकल उतारने में वह माहिर थे. सतीश प्रशांत जायसवाल ने बताया कि उनके बड़े भाई डॉ. अभय जायसवाल ने 1995-96 में पटना में उनका एडमिशन टूरिज्म कोर्स में करा दिया था. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के मैक्स मूलर भवन और पुणे से जर्मन भाषा सीखी.

 

सन 2000 में, वह दिल्ली की एक निजी कंपनी के अनुवादक के रूप में जर्मनी के हनोवर सिटी में एक एक्सपो में भाग लेने पहुंचे. जर्मनी उन्हें काफी पसंद आया, लेकिन एक्सपो खत्म होने के बाद वह भारत लौट आए. श्री जायसवाल को जर्मन, अंग्रेजी, हिंदी और मैथिली भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी. जर्मनी प्रवास के दौरान उनकी मुलाकात कई बिहारी और भारत के विभिन्न शहरों के लोगों से हुई थी.

 

2002 में, वह स्थायी रूप से जर्मनी चले गए और वहां उन्होंने फिल्म लाइन में अपना भविष्य तलाशना शुरू किया. बचपन से मिमिक्री का शौक होने के कारण, उन्होंने धीरे-धीरे छोटी फिल्मों से अपने सफर की शुरुआत की और एक सफल जर्मन फिल्मी स्टार बन गए. उन्होंने 90 से अधिक फिल्मों और कई टीवी सीरियलों में काम किया है. जर्मनी में उनकी सफल फिल्मों में “अलार्म फुर कोब्रा 11”, “टैट्रोर्ट”, “मैनर हत्ज 2”, “बिलकोमैन”, “बिडेन हार्ट मेन्स” आदि प्रमुख हैं. बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें जर्मनी में कई सम्मानों से भी नवाजा गया है.


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