
भोजपुर: भोजपुर के चरपोखरी स्थित प्रोजेक्ट बालिका +2 विद्यालय में आज मतदाता जागरूकता अभियान के तहत विद्यालय परिसर में रंगों और रेखाओं के माध्यम से सामाजिक चेतना की मिसाल पेश की गई। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं के बीच चित्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य लोकतंत्र और मतदान के महत्व के प्रति जन-जागरूकता फैलाना था।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली छात्राओं ने अपनी कल्पनाशक्ति और कलात्मक अभिव्यक्ति के जरिए मतदाता जागरूकता को जिस तरह चित्रित किया, उसने उपस्थित दर्शकों को प्रभावित किया। छात्राओं ने रंगों के माध्यम से यह संदेश दिया कि प्रत्येक नागरिक को मतदान के अधिकार का सदुपयोग कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापक अजय राय ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि लोकतंत्र ऐसा सामाजिक ढाँचा है जहाँ व्यक्ति की संवेदना और विचार एक संगठित रूप में प्रस्तुत होते हैं। उन्होंने कहा कि छात्राओं के सृजनात्मक प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव की संभावना जगती है। अजय राय ने यह भी कहा कि कला सिर्फ सौंदर्य का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक संदेशों के प्रसार की सशक्त अभिव्यक्ति है।

वरिष्ठ शिक्षक सुकेश कुमार और सुनित त्रिपाठी ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मतदान हमारी जिम्मेदारी है और प्रत्येक मतदाता को अपने मत का सही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने छात्राओं द्वारा बनाए गए चित्रों का अवलोकन करते हुए सराहना की कि लोकतांत्रिक मूल्यों को इतनी सहजता और संवेदनशीलता से प्रस्तुत करना अनुकरणीय है।
चित्र प्रतियोगिता का संचालन वरिष्ठ चित्रकार रौशन राय के निर्देशन में हुआ, जिन्होंने छात्राओं को कलात्मक मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि कला के माध्यम से सामाजिक जागरूकता फैलाना अत्यंत प्रभावी तरीका है क्योंकि चित्र हृदय और मन दोनों को स्पर्श करते हैं।
प्रतियोगिता में शीर्ष दस प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाली छात्राओं में अंजलि कुमारी, असिमा खातून, रौशन प्रविण, अंजुम आरा, रागिनी कुमारी, किरण कुमारी, नंदनी कुमारी, निशा कुमारी, सोनम कुमारी और रागिनी कुमारी शामिल थीं। इन छात्राओं के चित्रों ने लोकतंत्र की प्रासंगिकता, संवेदना और समाज में जागरूकता की भावना को प्रभावशाली रूप में उकेरा।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं—प्रमोद कुमार, चर्चिल टैगोर, निशा कुमारी, मीना देवी, रौशनी कुमारी और ज्योति कुमारी—की सहभागिता सराहनीय रही। सभी ने छात्राओं के कार्यों की प्रशंसा करते हुए इस पहल को सफल और प्रेरणादायक बताया।
अंत में, विद्यालय परिसर में उत्साह और ऊर्जा का वातावरण देखने को मिला। चित्रों के माध्यम से लोकतंत्र के संदेश को जिस भावनात्मक और रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया, उसने यह साबित कर दिया कि कला सामाजिक परिवर्तन की सबसे प्रभावी भाषा है।
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