

नई दिल्ली: यह एक अत्यंत गर्व और हार्दिक खुशी का क्षण था जब असम और पूर्वोत्तर का प्रतिनिधित्व करने वाली जुतिका महंता को नई दिल्ली में ‘प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड 2025’ से सम्मानित किया गया। यह भव्य समारोह राष्ट्रीय नारी सशक्तिकरण संघ (RNSS) द्वारा नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सांसद भवन में आयोजित किया गया।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से जुतिका महंता को माननीय संसद सदस्य डॉ. लता वानखेड़े जी के कर कमलों द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ भी उपस्थित थीं, जिनमें IAS श्री कपिल मीणा जी और IRS ऋचा सक्सेना जी शामिल थे, साथ ही पूरे भारत से कई अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे।

यह समारोह देशभर की उन 17 राज्यों की प्रेरणादायक महिला अचीवर्स को समर्पित था, जिन्होंने अपनी शक्ति, नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान के लिए पहचान बनाई है।

असम का प्रतिनिधित्व करते हुए, जुतिका महंता को मीडिया, संस्कृति और सामुदायिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके अथक प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया, जिसके माध्यम से उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र को राष्ट्रीय सुर्खियों में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जुतिका महंता: एक परिचय
मुंबई में स्थित, जुतिका महंता एक ‘चेंजमेकर’ (बदलाव लाने वाली) हैं, जो समुदायों को जोड़ने और सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए मीडिया, मार्केटिंग और सामाजिक कार्य में अपने अनुभव का उपयोग करती हैं। अपनी असमिया विरासत में गहरी जड़ें जमाए हुए, उन्होंने मीडिया वकालत, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक प्रभाव की पहलों के माध्यम से पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
उनके कार्य और प्रभाव ने उन्हें कई महत्वपूर्ण पहचान दिलाई हैं। उन्हें ICICI द्वारा “भारत की 51 सबसे प्रेरणादायक महिलाओं” में नामित किया गया है। इसके अलावा, उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार, लायनेस गोल्ड अवार्ड फॉर वुमन ऑफ स्ट्रेंथ, और इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड, लंदन जैसे कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मानों से नवाज़ा गया है।
जुतिका महंता ‘नॉर्थ ईस्ट अनसंग हीरोज’ (North East Unsung Heroes) की सह-संस्थापक भी हैं। इस मंच के माध्यम से, उन्होंने सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के चेंजमेकर्स को राजभवन मुंबई और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जैसे राष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनका यह सफ़र इस अटूट विश्वास को दर्शाता है कि उद्देश्य और जुनून के साथ, एक अकेला व्यक्ति भी वास्तव में स्थायी बदलाव ला सकता है। ‘प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड 2025’ जुतिका महंता की राष्ट्र के प्रति समर्पण और पूर्वोत्तर की संस्कृति और पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त करने के उनके प्रयासों का एक और महत्वपूर्ण प्रमाण है।
जहाँ एक ओर यह सम्मान उनके व्यक्तिगत योगदान को रेखांकित करता है, वहीं दूसरी ओर यह पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए गर्व का विषय है। जुतिका महंता की यह उपलब्धि न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे कला, मीडिया और सामाजिक कार्य के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जा सकता है।
जुतिका महंता का यह सम्मान भारत के विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं के अदम्य साहस और नेतृत्व को दर्शाता है, जो चुपचाप मगर प्रभावी ढंग से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रही हैं। RNSS द्वारा दिया गया यह पुरस्कार उन सभी महिला अचीवर्स को एक मंच प्रदान करता है जो समाज में बदलाव ला रही हैं। जुतिका महंता की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए एक रोशनी की किरण है जो अपने दिल में जुनून और बदलाव लाने की इच्छा रखता है।
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