

बड़कागांव। विडंबना है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का दम भरने वाली पार्टी समाज को बटोगे तो कटोगे का अफवाह फैलाकर समाज को बांट रही है। उनके कार्यकर्ता दिन को नहीं रात को काम करते हैं तो फिर विश्व की बड़ी पार्टी कैसे? धन से अधिक शक्ति कलम में है। सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की सेवा होनी चाहिए। कानून का रक्षा करना सरकार के लोगों का काम है चाहे वह केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार। लोकसभा या विधानसभा अस्थाई पद नहीं है जनता की सेवा करना ही स्थाई है। जनता ही अधिनायक और भाग्य विधाता होते हैं। उक्त बातें मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर आज बड़कागांव प्रखंड के डाडीकला पंचायत भवन मैदान प्रांगण में आयोजित कर्णपुरा खनन विस्थापित विकास समिति का बैनर तले वनभोज सह मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कही। समारोह की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष फ्यूम अंसारी एवं संचालन रियासत हसन ने की। मुख्य अतिथि वित्त मंत्री श्री किशोर ने आगे कहा कि मैं किसी का आलोचना नहीं हक की बात करता हूं। सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की सेवा एवं कानून की रक्षा करना है। उन्होंने हजारीबाग उपयुक्त नैंसी सहाय के आलोक में बड़कागांव अंचलाधिकारी मनोज कुमार द्वारा उपलब्ध आंकड़ो को प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब पकरी बरवाडीह कोल माइंस वन भूमि 3371 एकड़ का मुआवजा वन विभाग को भुगतान कर चुकी है तो फिर निजी भूमि के रैयत 6233 एकड़ भूमि में से मात्र 3000 एकड़ भूमि का मुआवजा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि गैर मजरूवा भूमि 1139 एकड़ में 642 एकड़ का मुआवजा भुगतान कर चुकी है तो फिर शेष गैर मजरूआ भूमि का भुगतान करने में विलंब क्यों? उन्होंने कहा कि एनटीपीसी का धंधा फल फूल कर अधिक मुनाफा कमाए लेकिन जनता का हक एवं अधिकार भी मिलनी चाहिए। यदि एनटीपीसी सिर्फ केंद्र सरकार की धौंस दिखाकर जनता को दोहन करना चाहेगी तो राज्य सरकार का भी नियम कानून कम नहीं है। कमिश्नर के नेतृत्व में यहां एक कैंप लगाकर रैयतों की समस्या का समाधान होनी चाहिए। हमारी सरकार गरीब पिछड़ों की सरकार है हर सुख-दुख में आपके साथ है। विस्थापन आयोग का गठन बहुत जल्द होने वाली है। उन्होंने लोगों से कानूनी प्रावधान के तहत एकता बनाकर विस्थापन की लड़ाई लड़ने की अपील की। अंत में उन्होंने कहा कि बाजार में अच्छे सब्जी और सामान खरीदने में जैसे आप चयन करते हैं वैसे ही अच्छे योग्यता एवं जानकारी लोगों का जनप्रतिनिधि चयन करने में भी सावधानी होनी चाहिए। उन्होंने बड़कागांव का भौगोलिक प्राकृतिक सौंदर्य को भी सराहा। पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि यह वन भोज एवं मिलन समारोह ही सिर्फ नहीं है बल्कि बड़कागांव की समस्या को झारखंड सरकार को अवगत कराना पहली प्राथमिकता है। केंद्र सरकार की धौंस दिखाकर एनटीपीसी गोली के दम पर रैयतों का जमीन हड़प रही है। हक अधिकार छीना जा रहा है। चुनाव हारे हैं लेकिन जनता की सेवा मेरी पहली प्राथमिकता है। सिर्फ जनप्रतिनिधि बनकर ही जनता की सेवा नहीं की जा सकती। रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा बड़कागांव विधानसभा की बड़ी समस्या बन गई है इससे लोगों को वंचित रखा जा रहा है। अब इस क्षेत्र में कृषि योग जमीन समाप्त हो चुकी है और कंपनी रोजगार भी नहीं दे रही है। संगठित होकर लड़ाई लड़ना होगा। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि बड़कागांव झरिया और धनबाद का बाप बन गया है। हिंदू मुस्लिम, बटोगे तो कटोगे का नारा देकर अंबा प्रसाद को चुनाव हराया गया। आंदोलन से मेरे द्वारा जमीन का मुआवजा बढ़ाया गया इसे लोग भूल गए। राज्यसभा के चुनाव में झारखंड के भाजपा सरकार मुझे खरीदने का प्रयास किया था लेकिन मैं बिका नहीं। दुर्भाग्य की बात है कि अंबा प्रसाद चुनाव हारी हैं मैदान नहीं। एनटीपीसी विस्थापितों को शोषण कर रही है। असंवैधानिक तरीके से काम किया जा रहा है। विस्थापन की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। समिति के पांच सदस्यों द्वारा पांच सूत्री मांग पत्र वित्त मंत्री श्री किशोर को सौंप कर समस्या का अवगत कराया गया। इस अवसर पर इंटर प्रदेश सचिव अंकित राज उर्फ सुमित, बड़कागांव कांग्रेस प्रखंड पूर्व अध्यक्ष विशेश्वर नाथ चौबे, करेडारी प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता, समिति के सचिव शमीम अहमद, राजेश रजक, पद्दूम साव,पंकज कुमार, कुलेश्वर राम, निर्मल राम, मोहम्मद साबिर, मोहम्मद अनवर अली, मसकुर आलम, मोहम्मद रफूल, चंद्रिका साव, तस्लीम अंसारी, अब्दुल जब्बार, हमीद मियां, मोहम्मद अयूब, इमाम मेहदी,, सुरेश महतो, चंदर साव उर्फ चंदर भाई, प्रभु राम, रोहित सिंह, गौतम कुशवाहा, सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष एवं रैयत शामिल थे।
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