
लोयाबाद।(फोटो)मानवता की मिसाल पेश करते हुए कतरास के राजगढ़िया परिवार ने एक बार फिर नेत्रदान की अनूठी पहल को दोहराया है।बुधवार को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कतरास निवासी आलोक राजगढ़िया का मरणोपरांत नेत्रदान किया गया।यह इस परिवार द्वारा किया गया छठा नेत्रदान है।
समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने किया प्रेरित,,,

परिवार के अनुसार,मृतक आलोक राजगढ़िया का बुधवार सुबह घर की सीढ़ियों से गिर जाने से ब्रेन हैमरेज के चलते उनकी दुखद मृत्यु हो गई। इस दुखद घड़ी में,समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने मृतक के पिता जगदीश राजगढ़िया और बहन अमृता को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।परिवार की सहमति के बाद, मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई।

धरती पर ही अमर रहेंगे बेटे,,,
नेत्रदान के फैसले पर मृतक के पिता जगदीश राजगढ़िया और बहन अमृता ने गर्व महसूस करते हुए कहा कि भले ही आलोक इस दुनिया में नहीं रहे,लेकिन मरणोपरांत उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीन व्यक्तियों को जीवन में रोशनी मिलेगी।पिता जगदीश राजगढ़िया ने कहा बेटे के नेत्रदान से वह धरती पर ही मरणोपरांत अमर रह जाएंगे।यह हमारे लिए अत्यंत संतोष का विषय है।
जीवन का सबसे अमूल्य दान,,
इस अवसर पर समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने कहा कि नेत्रदान जीवन का सबसे अमूल्य दान है और हर व्यक्ति को इस महान कार्य के लिए आगे आना चाहिए।उन्होंने राजगढ़िया परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी परिवार ने समाज को एक बड़ा संदेश दिया है।कहा कि यह नेत्रदान धनबाद में अंगदान की मुहिम को और मजबूत करेगा,जिससे कई ज़रूरतमंदों को नया जीवन मिल सकेगा।
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