

आदित्यपुर :आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में कई सारे आरो मिनरल वाटर प्लांट बिना लाइसेंस के ही संचालित किया जा रहा है. आरो मिनरल वाटर प्लांट का पानी भले ही गले को कुछ देर के लिए ठंडक देता है मगर इसका नुकसान सेहत के लिए क्या होता है. नगर वासियों को बताने की जरूरत नहीं है . शायद ही क्षेत्र के कोई पदाधिकारी आरो मिनरल वाटर प्लांट का जांच करते हुए दिखाई देते हैं . सरकारी कार्यालय, शादी, निजी कार्यालय,घरों,दुकानों एवं अन्य जगहों पर आरो मिनरल वाटर प्लांट का पानी आपूर्ति की जाती है . पानी में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन एवं सभी तरह के मिनरल्स मौजूद होते हैं मगर इसमें कितने मानक के अनुरूप मौजूद होना चाहिए यह साफ पता नहीं चल पा रहा है . बता दें कि पानी का प्लांट चलाने के लिए फ़ूड सेफ्टी कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त किया जाता है. साथ ही पानी की गुणवत्ता जांच के लिए निजी लैब एवं टेक्नीशियन की मौजूदगी होनी चाहिए. मगर क्षेत्र में लगभग आरो मिनरल वाटर प्लांट में इन सभी सुविधा नहीं दी गई है. बिना लाइसेंस के बेधड़क धड़ल्ले से कार्य कर रहे हैं. जिसमें आम नागरिकों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है . सरायकेला खरसावां जिले में लगभग 29 लाइसेंसी आरो मिनरल वाटर प्लांट हैं. जिसमें आदित्यपुर -14, गम्हरिया -कांड्रा -10, चांडिल -2, राजनगर -1 एवं सरायकेला में 2 हैं. आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की आंकड़ा देखा जाए तो पूरे सरायकेला खरसावां जिले में सबसे ज्यादा आदित्यपुर में है. जिसमें कई सारे बिना लाइसेंस के आरो मिनरल वाटर प्लांट का गोरखधंधा को चला रहे हैं.अगर सही तरीका से जांच की जाए तो हर क्षेत्र में इस आकड़ा में काफी इजाफा देखा जाएगा. आरो वॉटर मिनरल प्लांट खुलने से पानी का स्तर लगातार घटती जा रही है. आरो वॉटर मिनरल प्लांट के आसपास रहने वाले नागरिकों का बोरिंग भी सूखते जा रहा है. अगर सही समय पर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो पानी की घोर किल्लत का सामना आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की जनता को करना पड़ेगा
इस संबंध में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि आरो का पानी तब तक लाभदायक है जब तक इसकी गुणवत्ता एवं सही मानकों के अनुरूप हो. जरूरत से ज्यादा टीडीएस कमी होने के कारण भी सेहत पर नुकसान पहुंचा सकता है . उन्होंने बताया कि आरो प्लांट का पानी नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए. बता दें कि क्षेत्र में गर्मी अपने प्रचंड रूप के अवतार में आई नहीं है और क्षेत्र में पानी की किल्लतो का दौर शुरू हो चुका है जहां अवैध रूप से पानी के प्लांट खुल जाने से आसपास के सभी बोरिंग सूख चुके हैं. अगर अवैध संचालित आरो वाटर प्लांट को रोका नहीं गया तो पानी से प्यास बुझाने के लिए आम नागरिक तरसते ही रहेंगे .
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