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बीसीसीएल एवं आउटसोर्सिंग प्रबंधन की मिली भगत से राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान और राजस्व की क्षति पर रोक लगाऐं : रमेश रवानी  

ByBiru Gupta

Jan 6, 2025

 

 

केंदुआ(धनबाद) धनबाद प्रखंड असंगठित इंटक अध्यक्ष रमेश रवानी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के प्रबंधक एवं कार्यरत कोयला ओबी उत्खनन कार्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी की मिली भगत कर कंपनी के सभी नियमों को ताख पर रखकर सीबीसी गाइडलाइन, डीजीएमएस गाइडलाइन, श्रम कानून अधिकार पर्यावरण एवं सुरक्षा गाइडलाइन का घोर उल्लंघन कर रही है। जबकि सीबीसी गाइडलाइन, डीजीएमएस गाइडलाइन, श्रम कानून अधिकार एवं पर्यावरण तथा सुरक्षा गाइडलाइन को पालन करने हेतु भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के बोर्ड का डायरेक्टर एवं क्षेत्रीय / कोलियरी स्तर के पदाधिकारी के पास उचित जांच एवं कार्रवाई करने के लिए निम्नलिखित विभागो में शिकायत की कार्रवाई की जा सकती है

1. *डीजीएमएस (डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी)*: खनन सुरक्षा और नियमों के उल्लंघन के लिए।

2. *सीबीसी (कोल कंट्रोलर ऑफ इंडिया)*: कोयला खनन और उत्खनन कार्यों में सीबीसी गाइडलाइन के उल्लंघन के लिए।

3. *पर्यावरण मंत्रालय*: पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के उल्लंघन के लिए।

4. *श्रम मंत्रालय*: श्रम अधिकारों और सुरक्षा के उल्लंघन के लिए।

5. *बीसीसीएल प्रबंधन*: बीसीसीएल के आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के उल्लंघन के माध्यम से।

6. *केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)*: पर्यावरण प्रदूषण और संरक्षण के उल्लंघन के लिए।

7. *राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड*: राज्य स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण और संरक्षण के उल्लंघन के लिए।

8. *मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी)* के उल्लंघन के लिए

इन विभागों को शिकायत कर कोयला ओबी उत्खनन हेतु कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी उचित कार्रवाई किया जा सकता है परंतु भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के निर्देशक मंडली एवं उच्च स्तरीय प्रबंधन के द्वारा उचित कार्रवाई नहीं किया जाता है।

जबकि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी को कोयला ओ बी उत्खनन करने हेतु डीजीएमएस (डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी) के निम्नलिखित गाइडलाइन को अनुपालन कराना है जो इस प्रकार

1. माइंस एक्ट, 1952 के तहत खनन नियमों का पालन।

2. माइंस एक्ट, 1952 के तहत खनन सुरक्षा नियमों का पालन।

3. डीजीएमएस के सुरक्षा नियमों का पालन।

4. डीजीएमएस के पर्यावरण संरक्षण नियमों का पालन।

5. डीजीएमएस के श्रम नियमों का पालन।

6. खनन योजना और डिज़ाइन के लिए मानक।

7. खनन उपकरणों और मशीनरी के लिए मानक।

8. खनन सुरक्षा उपकरणों के लिए मानक।

9. खनन पर्यावरण संरक्षण उपायों के लिए मानक।

10. खनन श्रमिकों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य मानक।

इसके अलावा कोयला ओबी उत्खनन कार्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी को निम्नलिखित दस्तावेज़ तैयार रखने होंगे:

1. खनन योजना और डिज़ाइन।

2. खनन उपकरणों और मशीनरी की सूची।

3. खनन सुरक्षा उपकरणों की सूची।

4. खनन पर्यावरण संरक्षण उपायों की सूची।

5. खनन श्रमिकों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य योजना।

6. खनन नियमों और मानकों के पालन के लिए योजना।

इन गाइडलाइन और दस्तावेज़ों का पालन करके आउटसोर्सिंग कंपनी कोयला ओबी उत्खनन कार्यों को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से कर सकती है। कोयला ओबी उत्खनन कार्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी यदि डीजीएमएस (डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी) के नियमों का उल्लंघन करती है, तो निम्नलिखित धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है:

 

1. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 40 – खनन नियमों का उल्लंघन।

2. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 41 – खनन सुरक्षा नियमों का उल्लंघन।

3. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 45 – डीजीएमएस के नियमों का उल्लंघन।

4. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 46 – जुर्माना और दंड।

5. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 47 – लाइसेंस रद्द करना।

6. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 48 – कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना।

7. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 49 – पुलिस केस दर्ज करना।

8. माइंस एक्ट, 1952 की धारा 50 – व्यक्तिगत दंड और जुर्माना।

 

इसके अलावा, डीजीएमएस के नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनी के खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाई की जा सकती है:

1. लाइसेंस रद्द करना।

2. जुर्माना लगाना।

3. कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना।

4. कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ व्यक्तिगत कार्रवाई।

5. पुलिस केस दर्ज करना।

 

*मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी)* की गाइडलाइन के अनुसार, कोयला ओबी उत्खन आउटसोर्सिंग कंपनी कोयला खनन एवं ओबी उत्खनन से संबंधित निम्नलिखित आवश्यकताओं का पालन करना होगा जो इस प्रकार है ।

1. लाइसेंस और अनुमति: आउटसोर्सिंग कंपनी के पास आवश्यक लाइसेंस और कार्य उत्खनन की अनुमति होनी चाहिए।

2. तकनीकी योग्यता: आउटसोर्सिंग कंपनी के पास तकनीकी योग्यता और अनुभव होना चाहिए।

3. सुरक्षा उपाय: आउटसोर्सिंग कंपनी को सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा।

4. पर्यावरण संरक्षण: आउटसोर्सिंग कंपनी को पर्यावरण संरक्षण के उपायों का पालन करना होगा।

5. श्रम कानून: आउटसोर्सिंग कंपनी को श्रम कानूनों का पालन करना होगा।

6. गुणवत्ता नियंत्रण: आउटसोर्सिंग कंपनी को गुणवत्ता नियंत्रण के उपायों का पालन करना होगा।

7. निरीक्षण और ऑडिट: आउटसोर्सिंग कंपनी को निरीक्षण और ऑडिट के लिए तैयार रहना होगा।

 

सीवीसी की गाइडलाइन के अनुसार, कोयला ओबी उत्खनन कार्य में आउटसोर्सिंग कंपनी को निम्नलिखित दस्तावेज़ तैयार रखने होंगे:

1. लाइसेंस और अनुमति

2. तकनीकी योग्यता और अनुभव प्रमाण पत्र

3. सुरक्षा उपायों का विवरण

4. पर्यावरण संरक्षण के उपायों का विवरण

5. श्रम कानूनों के पालन का विवरण

6. गुणवत्ता नियंत्रण के उपायों का विवरण

7. निरीक्षण और ऑडिट की रिपोर्ट

 

कोयला ओबी उत्खनन कार्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी को मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी) के लिए गाइडलाइन को उलंघन करती है तो निम्नलिखित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है:

 

1. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 420 – धोखाधड़ी के लिए।

2. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 468 – फर्जी दस्तावेज़ बनाने के लिए।

3. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 120बी – साजिश के लिए।

4. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 – भ्रष्टाचार के लिए।

5. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 – भ्रष्टाचार के लिए।

6. माइंस एंड मिनरल्स (विकास और नियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21 – खनन नियमों का उल्लंघन।

7. माइंस एंड मिनरल्स (विकास और नियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 22 – खनन सुरक्षा नियमों का उल्लंघन।

8. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 – पर्यावरण प्रदूषण के लिए।

9. श्रम कानूनों के तहत – श्रम अधिकारों का उल्लंघन।

इसके अलावा, सीवीसी के गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाली कंपनी के खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाई की जा सकती है:

1. लाइसेंस रद्द करना।

2. जुर्माना लगाना।

3. कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना।

4. कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ व्यक्तिगत कार्रवाई।

5. पुलिस केस दर्ज करना।

 

भारत कोकिंग कॉल लिमिटेड कंपनी में कोयला ओबी उत्खनन कार्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी पर डीजीएमएस सीबीसी पर्यावरण श्रम कानून एवं सुरक्षा गार्ड लाइन के इन धाराओं एवं कार्रवाई के तहत सभी गाइडलाइन एवं प्रावधानों को पालन करने के लिए मजबूर एवं उचित कार्रवाई किया जा सकता है जो आज तक नहीं कराया गया जिसके कारण भारत कोकिंग कॉल लिमिटेड भारत रत्न कंपनी में कोयला चोरी कोयला के गुणवत्ता कोयला क्षेत्र में कार्यरत कामगार मजदूर श्रम कानून अधिकार नियमों को तक में रखकर भारत कोकिंग कॉल लिमिटेड के प्रबंधन एवं आउटसोर्सिंग कंपनी का प्रबंधक की मिली भगत से इस तरह के कार्य राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान पहुंचा कर राजस्व की क्षति एवं मजदूर शोषण का कार्य कर रही है । उन्होंने बताया कि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के 01 से 12 एरिया में उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई कर कोल मंत्रालय अपने निगरानी में एक कमेटी बनाकर उचित करें ताकि राष्ट्र की संपत्ति और राजस्व को बचाया जा सके।


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