

लखनऊ : लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ सोमवार सुनवाई हुई. दाखिल जनहित याचिका में मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई थी. वहीं, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए 25 नवंबर तक का समय दिया था. हाईकोर्ट ने नागरिकता एक्ट 1955 के तहत केंद्र सरकार के सक्षम अधिकारी से की गई शिकायत पर एक्शन का ब्यौरा तलब किया था. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. अब अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी.
इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने कहा था कि हम पहले भारत सरकार का निर्णय जानना चाहेंगे, उन्होंने शिकायत पर क्या एक्शन लिया है? अतिरिक्त सॉलिसिटर (एएसजी) सूर्यभान पांडेय को निर्देश दिया कि वह इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करें. कोर्ट में याचिकाकर्ता कर्नाटक के एस. विग्नेश शिशिर ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दावा किया कि उन्होंने ही जनहित याचिका दायर की है.

कोर्ट ने एक बार खारिज कर दी थी याचिका : दरअसल, जुलाई माह में इसी याचिकाकर्ता की याचिका को हाईकोर्ट ने ये कहकर खारिज कर दिया था कि, याचिकाकर्ता चाहे तो नागरिकता एक्ट के तहत सक्षम प्राधिकारी के पास शिकायत कर सकता है. याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर के मुताबिक, उनके पास सबूत हैं कि रायबरेली सांसद राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं. इसके कारण वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. ऐसे में उनका निर्वाचन रद्द किया जाए. शिशिर के मुताबिक, सक्षम प्राधिकारी को दो बार शिकायत के बाद भी कोई एक्शन न होने पर दोबारा याचिका दाखिल की गई. इसके बाद एस विग्नेश शिशिर व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के सामने पेश होकर इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.

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