
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से भूटान का दो दिवसीय दौरा शुरू किया। इस यात्रा का मुख्य केंद्र दोनों देशों के बीच ऊर्जा और कनेक्टिविटी सहयोग को और मजबूत करना है।
अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की और व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से विकसित 1020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना भारत और भूटान की ऊर्जा साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भूटान की कुल जलविद्युत क्षमता में 40% की वृद्धि करेगी। भारत और भूटान ने जलविद्युत क्षेत्र में सहयोग का एक लंबा इतिहास साझा किया है, और यह नई परियोजना भूटान के आर्थिक विकास और भारत की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देगी।

द्विपक्षीय वार्ता में, प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा के अतिरिक्त कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने भूटान के गेलेफू और समत्से शहरों को भारत के विशाल रेल नेटवर्क से जोड़ने के निर्णय का उल्लेख किया, जिससे भूटान के उद्योगों और किसानों की भारत के बड़े बाजार तक पहुंच आसान होगी। इसके अलावा, दोनों देश सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।

पीएम मोदी ने भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत और भूटान के बीच सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों की गहराई पर प्रकाश डाला। उन्होंने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की, जो भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और भूटान के साथ विशेष मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाता है। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के लिए ऊर्जा और आर्थिक लाभ लाएगी, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को भी मजबूत करेगी।
There is no ads to display, Please add some







Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com
