

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने शिपबिल्डिंग और समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 69,725 करोड़ रुपये की मेगा योजना को मंजूरी दी है।
फाइनेंशियल असिस्टेंस से मिलेगी कंपनियों को मदद

इस योजना में से 24,736 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस पर खर्च होंगे।

100 करोड़ रुपये से कम कीमत वाले जहाज पर 15% सहायता
100 करोड़ से ऊपर के जहाज पर 20% सहायता
ग्रीन, हाइब्रिड और खास जहाजों के लिए 25% तक सहायता
यह योजना मार्च 2036 तक लागू रहेगी।
शिप-ब्रेकिंग क्रेडिट नोट योजना
सरकार ने जहाज तोड़ने (Ship Breaking) को बढ़ावा देने के लिए शिप-ब्रेकिंग क्रेडिट नोट स्कीम भी शुरू की है। इसके तहत भारतीय यार्ड में स्क्रैप किए गए पुराने जहाज की वैल्यू का 40% क्रेडिट नोट मिलेगा। यह नोट 3 साल तक मान्य होगा और इसे ट्रांसफर भी किया जा सकेगा।
मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड
योजना के तहत 25,000 करोड़ रुपये मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड के लिए रखे गए हैं। इसमें से 5,000 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट इंसेंटिवाइजेशन फंड बनाया जाएगा। इससे बैंकों को भारतीय शिपयार्ड्स को लोन देने पर 3% तक प्रोत्साहन मिलेगा।
करोड़ों रोजगार और ग्रीन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा
सरकार का दावा है कि इस कदम से करीब 30 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही ग्रीन ट्रांसपोर्ट और निर्यात को भी मजबूती मिलेगी।
उद्योग और शेयर बाजार में दिखा असर
हाल ही में बड़े जहाजों को ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेटस’ भी दिया गया है। वहीं, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने BPCL, IOC और HPCL के साथ मिलकर नया बेड़ा बनाने का समझौता किया है। इसका असर शेयर बाजार में भी दिखा, जहां शिपिंग कॉरपोरेशन, गार्डन रीच और कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
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