

गया, बिहार: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज गयाजी में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए एक ऐतिहासिक पिंडदान अनुष्ठान किया। यह पहली बार है जब किसी वर्तमान राष्ट्रपति ने इस पवित्र स्थान पर आकर अपने पितरों को तर्पण किया है। राष्ट्रपति ने विष्णुपद मंदिर परिसर में स्थित गर्भगृह में जाकर विधिवत पूजा-अर्चना की।
इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुआ, जिसने वहां मौजूद श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। गयापाल पुरोहित राजेश लाल कटरियार के नेतृत्व में राष्ट्रपति ने अपने परिवार के साथ यह अनुष्ठान पूरा किया। जिला प्रशासन ने इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पिंडदान के लिए मंदिर परिसर में एक विशेष एल्यूमीनियम फैब्रिकेटेड हॉल बनाया गया था, जिसमें तीन अलग-अलग कक्ष थे।

इस धार्मिक आयोजन ने गया के श्रद्धालुओं में भारी उत्साह और आस्था का संचार किया। लोग राष्ट्रपति को अपने बीच देखकर भावुक हो गए। 14वें श्राद्ध के दिन पिंडदान का विशेष महत्व होता है, क्योंकि माना जाता है कि इस दिन तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस दौरे ने न केवल गया की धार्मिक महिमा को बढ़ाया है, बल्कि इसे एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर बना दिया है। उनके आगमन से श्रद्धालुओं का विश्वास और भी गहरा हो गया है। यह घटना भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति उनके सम्मान को भी दर्शाती है।
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