

हजारीबाग झील की दुर्दशा, बिजली संकट और शिक्षा सुधार जैसे विषय जनता के जीवन से सीधे जुड़े हैं। सदन में मैंने इन मुद्दों को मजबूती से रखा है और सरकार से ठोस कार्रवाई की माँग की है : प्रदीप प्रसाद
मानसून सत्र के दौरान हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने गुरुवार को लगातार जनता की मूलभूत समस्याओं को सदन के पटल पर उठाया। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विषयों जिसमें हजारीबाग झील, बिजली आपूर्ति और शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार से जवाब माँगा और ठोस कदम उठाने की मांग की।

विधायक ने कहा कि हजारीबाग झील लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और यह न केवल जिले की पहचान है बल्कि शहर की जीवनरेखा भी मानी जाती है। वर्षों से झील में जलकुंभी की भरमार और गाद जमाव की समस्या बनी हुई है, जिसके कारण इसकी जल संचय क्षमता लगातार घटती जा रही है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट पूछा कि आखिर इस झील की स्थायी सफाई और संरक्षण की दिशा में अब तक ठोस पहल क्यों नहीं की गई। बिजली संकट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हजारीबाग के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में आए दिन घंटों बिजली कटौती होती रहती है। थोड़ा सा मौसम खराब होते ही लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो जाते हैं।

विधायक ने सदन में सवाल उठाया जब हजारीबाग जिले से कुछ ही दूरी पर बिजली उत्पादन करने वाला दामोदर घाटी निगम का विशाल केंद्र मौजूद है, तो यहां के उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध बिजली क्यों नहीं मिल रही? सरकार इस गंभीर विषय पर तुरंत ध्यान दे और जनता को राहत पहुँचाए। शिक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए विधायक ने बी.एड. पाठ्यक्रम में आधुनिक विषयों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में तकनीकी और नवाचार आधारित शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है, लेकिन झारखंड में अभी तक बी.एड. की पढ़ाई पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। यदि भविष्य के शिक्षक आधुनिक विषयों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और संगणक विज्ञान से परिचित नहीं होंगे, तो वे आने वाली पीढ़ी को नई दिशा कैसे देंगे? *सरकार ने तीनों मामलों पर जवाब देते हुए कही कि* झील की नियमित सफाई वीड हार्वेस्टर मशीन से की जाती है। साथ ही झील का सर्वेक्षण कर स्थायी समाधान के लिए 13 करोड़ 97 लाख 39 हजार रुपये की योजना स्वीकृत की गई है।
नगर निगम को इस योजना का क्रियान्वयन करने का दायित्व सौंपा गया है। ऊर्जा विभाग की ओर से स्वीकार किया गया कि वर्तमान में जिले में बिजली आपूर्ति डीवीसी ग्रिड से की जाती है और डीवीसी द्वारा तय लोड शेडिंग नीति के कारण बिजली कटौती हो रही है। हालांकि स्थायी समाधान के लिए झारखंड ऊर्जा संचारण निगम (जेयूएसएनएल) द्वारा पकरी बरवाडीह, कोडरमा, बरही एवं मेदिनीनगर ग्रिड से अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने पर विचार किया जा रहा है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने स्वीकार किया कि वर्तमान नियमावली के आधार पर बी.एड. पाठ्यक्रम में बी.टेक स्नातक भी नामांकन ले सकते हैं।
वहीं, नई शिक्षा नीति 2020 और एनसीटीई के मानकों के अनुरूप बी.एड. पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, संगणक विज्ञान जैसे विषयों को शामिल करने के लिए आवश्यक संशोधन करने पर विचार चल रहा है। सत्र के उपरांत मीडिया से बातचीत में विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि जनता की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
हजारीबाग झील की दुर्दशा, बिजली संकट और शिक्षा सुधार जैसे विषय सीधे आम लोगों के जीवन से जुड़े हुए हैं। मैंने सदन में इन मुद्दों को पूरी मजबूती से रखा है और सरकार से स्पष्ट जवाब के साथ ठोस कार्रवाई की मांग की है। जनता की आवाज़ को सदन तक पहुँचाना ही मेरा धर्म और कर्तव्य है, और मैं इस दायित्व से कभी पीछे नहीं हटूँगा।
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