

पटना, बिहार: राजधानी पटना में शुक्रवार देर रात जाने-माने उद्योगपति गोपाल खेमका की सिर में गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के बाद बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस सनसनीखेज वारदात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प कक्ष में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में पुलिस महानिदेशक (DGP) सहित अन्य आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जहां मुख्यमंत्री ने अपराध नियंत्रण को लेकर सख्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने DGP को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे गोपाल खेमका हत्याकांड के कारणों की पूरी गहराई से तहकीकात करें और दोषियों की पहचान कर बिना किसी भेदभाव के कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि इस घटना के पीछे किसी प्रकार की साजिश है, तो उसकी भी गहन जांच की जाए और जांच के पश्चात दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी चेताया कि अपराध नियंत्रण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान, डीजीपी ने मुख्यमंत्री को राज्य में अपराध नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।

पटना में हुई थी हत्या, चार साल पहले बेटे की भी हुई थी हत्या

घटना शुक्रवार देर रात की है, जब पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास राज्य के बड़े व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस के साथ-साथ सभी वरीय अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेजा गया है।
यह हत्याकांड इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि वर्ष 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय भी परिवार ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए थे। लगातार दूसरी बार परिवार के सदस्य की हत्या होने से पुलिस की कार्यप्रणाली और राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
सुशासन पर सवाल, विपक्ष हमलावर
थाने से चंद कदमों की दूरी पर उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने “सुशासन बाबू” के रूप में जाने जाने वाली नीतीश कुमार की सरकार पर लगातार उंगलियां उठाई हैं। प्रतिदिन हत्या की घटनाएं सामने आने से आम जनता में भय का माहौल है। सरकार द्वारा अब डीजीपी को बुलाकर अपराध रोकने की बात कही जा रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार अपराधियों पर काबू क्यों नहीं कर पा रही है? विपक्षी दल इस घटना को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर हैं और राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का आरोप लगा रहे हैं। खेमका हत्याकांड बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है, और सरकार पर इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
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