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नहीं रहे दिग्गज एक्टर मनोज कुमार हरिकिशन गिरि गोस्वामी

Byadmin

Apr 4, 2025

 

Umesh Giri

देश भक्ति के चेहरे ने आज विदाई ली मनोज कुमार चले गए मगर सवाल छोड़ गए जिंदगी हम जी रहे हैं जिंदगी है जीने के लिए होती है
भारतीय सिनेमा जगत कि अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाने जाते थे भारतीय सिनेमा जगत में इनका स्थाई प्रभाव छोड़ा अक्सर फिल्मी जगत में भारत कुमार के रूप में इनको जाना जाता था और देशभक्ति की एक अलौकिक मिसाल बॉलीवुड जगत में सामाजिक जिम्मेवारियों के विषयों को चित्रित किया उन्होंने, उपकार , पूरब और पश्चिम, और क्रांति जैसे फिल्मों के लिए लोकप्रियता मिली जहां उन्होंने खूबसूरती से राष्ट्रवाद और सामाजिक जिम्मेवारियों के विषयों को चित्रित किया उनकी गहरी आवाज तीव्र भाव और विचारोत्तेजक कहानी ने उन्हें बॉलीवुड के स्वर्ण युग का प्रतीक बना दिया अभिनय के अलावा वह एक सफल निर्देशक और लेखक भी थे भारतीय सिनेमा जगत एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए

अपने दमदार अभिनय, प्रभावी संवाद से सिनेमा को राष्ट्रनिर्माण का माध्यम बनाने वाले सुप्रसिद्ध अभिनेता श्री मनोज कुमार जी का निधन दुखदाई है।

भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ, मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती…जैसे उनके कालजयी गीत आज भी हर भारतीयों की ज्योत जलती है

हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग के स्तंभ, के ‘भारत कुमार’ के नाम से प्रसिद्ध महान अभिनेता, निर्देशक और लेखक मनोज कुमार जी का जाना भारतीय फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
उनकी सादगी, गंभीर अभिनय शैली और समाज के प्रति जागरूक दृष्टिकोण उन्हें आम अभिनेताओं और निर्माताओं से अलग करता है। उन्होंने सिनेमा को केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक संदेशवाहक मंच बनाया।

मनोज कुमार जी का जन्म 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया और दिल्ली में बस गया। उनका वास्तविक नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था, लेकिन दिलीप कुमार से प्रेरित होकर उन्होंने अपना फिल्मी नाम मनोज कुमार रखा।

एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने संघर्षों की सीढ़ियाँ चढ़ीं और भारतीय सिनेमा में देशभक्ति की भावना को नई ऊँचाइयाँ दीं। ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘क्रांति’ जैसी कालजयी फिल्मों से उन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से छुआ।
उनके परिवार में पत्नी शशि गोस्वामी और बच्चे हैं। अपने पारिवारिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव के कारण उन्होंने अपने जीवन और सिनेमा दोनों में सच्चाई और आदर्शों को प्राथमिकता दी।
मनोज कुमार जी का जीवन एक प्रेरणादायक अध्याय है, जो हमें बताता है कि देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में होनी चाहिए।


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