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महाकुंभ 2025 में परिवहन निगम की तैयारी; UPSRTC के बेड़े में 15 दिसंबर से जुड़ेंगी 100 एसी इलेक्ट्रिक बसें

ByBiru Gupta

Nov 14, 2024

 

लखनऊ : अगले साल जनवरी माह में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होगा, लेकिन श्रद्धालुओं को इस महाकुंभ के मौके पर परिवहन निगम एसी इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें उपलब्ध नहीं करा पाएगा. एसी डबल डेकर बसें मार्च या अप्रैल माह में परिवहन निगम के बस बड़े में शामिल हो पाएंगी, हालांकि महाकुंभ के दौरान 100 एसी इलेक्ट्रिक बसें रोडवेज की फ्लीट में शामिल करने का यूपीएसआरटीसी का लक्ष्य जरूर है. इनमें से पहली बार रोडवेज के फ्लीट में 15 दिसंबर को पहली इलेक्ट्रिक बस जुड़ेगी. इसके बाद प्रयागराज, आगरा और लखनऊ रीजन को बसें सौंपी जाएंगी, जिससे इनका प्रयागराज के महाकुंभ के लिए संचालन शुरू हो सके.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि 15 जनवरी तक 60 एसी इलेक्ट्रिक बसें रोडवेज के बस बेड़े में जरूर शामिल होंगी. इन्हीं बसों से श्रद्धालु प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्रयागराज पहुंचेंगे. पहली इलेक्ट्रिक बस 15 दिसंबर को परिवहन निगम की फ्लीट में शामिल हो जाएगी. कंपनी ने 15 दिसंबर को एक साथ कुल 30 बसें, 30 दिसंबर तक 15 और बसें और 15 जनवरी तक 15 अन्य एसी इलेक्ट्रिक बसें देने का परिवहन निगम से वादा किया है.
यानी 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक एक माह में कुल 60 इलेक्ट्रिक बसें परिवहन निगम के पास होंगी. इन्हीं से श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचाया जाएगा. 31 जनवरी तक बची रह गईं 40 और बसें यूपीएसआरटीसी को उपलब्ध हो जाएंगी. कंपनी की तरफ से कुल 100 बसें उपलब्ध कराई जानी हैं. उन्होंने बताया कि इन 100 बसों के अलावा जिन 120 एसी इलेक्ट्रिक बसों का परिवहन निगम टेंडर कर रहा है, उन्हीं में 20 एसी इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें शामिल होंगी. यह बसें महाकुंभ खत्म होने के बाद ही आ पाएंगी. कारण है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बसें आने में तीन से चार माह तक का समय तो लगेगा ही.

उन्होंने ये भी जानकारी दी कि एसी इलेक्ट्रिक बसों से तो प्रदेश के विभिन्न जनपदों से श्रद्धालुओं को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में पहुंचाया ही जाएगा, जो साधारण बसें भी संचालित होंगी, वह भी नई होंगी. महाकुंभ से ठीक पहले तक करीब 1000 साधारण नई बसें यूपीएसआरटीसी की फ्लीट में शामिल हो जाएंगी. इन बसों को प्रदेश के 20 रीजनों में विभाजित किया जाएगा, जिससे हर रीजन से नई बसें प्रयागराज के लिए संचालित हों और श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी तरह की समस्या न होने पाए.


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