

धनबाद: धनबाद की पहचान और 42 वर्षों की मिठास का प्रतीक रही ‘मधुलिका स्वीट्स’ ने आखिरकार अपने सभी पाँच ब्रांचों के शटर गिरा दिए हैं। हीरापुर से लेकर मेमको मोड़ तक मिठास बिखेरने वाला यह प्रतिष्ठित ब्रांड अब सिर्फ लोगों की यादों में रह जाएगा।
मधुलिका के संचालक जय प्रकाश चौरसिया ने भारी मन से बताया कि प्रशासनिक दबाव, लेबर डिपार्टमेंट की कठोर कार्रवाई और आंतरिक हालातों के कारण उन्हें यह कड़ा और मजबूरन कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने खुलासा किया कि लेबर डिपार्टमेंट की ओर से स्किल्ड लेबर व अन्य मदों को जोड़ते हुए एक करोड़ रुपये का नोटिस थमाया गया था। इसके अलावा, नगर निगम ने भी फैक्ट्री में कथित जल आपूर्ति गड़बड़ी के नाम पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

चौरसिया ने बताया कि मेमको मोड़ स्थित उनकी फैक्ट्री, जो धनबाद की पहली स्वीट्स फैक्ट्री थी, आठ लेन सड़क निर्माण के दौरान जलापूर्ति बाधित होने से पहले ही प्रभावित थी। लगातार प्रशासनिक और विभागीय दबाव ने उनके लिए कारोबार चलाना असंभव बना दिया।

पारिवारिक मजबूरियों ने भी इस स्थिति को और गंभीर किया, क्योंकि पांच भाइयों में से अधिकतर के बच्चे विदेश में हैं और कारोबार की जिम्मेदारी संभाल रहे आईटी इंजीनियर बेटे को भी इन समस्याओं ने थका दिया।
*मधुलिका का सालाना टर्नओवर करीब 10 करोड़ रुपये था, लेकिन इन हालातों के आगे हार मानकर उन्हें यह फैसला लेना पड़ा। धनबादवासी आज इस खबर से दुखी हैं, क्योंकि मधुलिका सिर्फ एक दुकान नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों की यादें और शहर की एक पहचान थी।*
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