

बलियापुर, धनबाद: बलियापुर प्रखंड की दूधिया पंचायत इन दिनों मच्छरों के भीषण प्रकोप से जूझ रही है। पंचायत के सभी गांवों में मच्छरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं। हल्की-फुल्की बारिश और भीषण गर्मी का मिलाजुला असर मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल साबित हो रहा है, जिससे उनकी संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही मच्छरों का झुंड घरों में घुसना शुरू कर देता है, जिससे बाहर निकलना तो दूर, घर के अंदर भी चैन नहीं मिल पा रहा है। रात भर मच्छरों की भनभनाहट और उनके काटने से नींद हराम हो गई है। छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, क्योंकि मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने इस गंभीर समस्या पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत की है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। “ऐसा लगता है जैसे स्वास्थ्य विभाग कान में तेल डालकर गहरी नींद में सो गया है,” एक ग्रामीण ने आक्रोशित स्वर में कहा।

मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी बढ़ गई हैं। ग्रामीण लगातार बुखार, शरीर दर्द और कमजोरी की शिकायत कर रहे हैं, जो मच्छर जनित बीमारियों के सामान्य लक्षण हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से फॉगिंग या मच्छररोधी दवाओं के छिड़काव जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
दूधिया पंचायत के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अविलंब इस समस्या पर ध्यान देने और आवश्यक कदम उठाने की अपील की है। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द फॉगिंग अभियान चलाया जाए और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने के लिए उचित उपाय किए जाएं, ताकि ग्रामीण इस गंभीर स्थिति से राहत पा सकें। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति और भी भयावह रूप ले सकती है।
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