

बलियापुर (उमेश चौबे)
जिले के सिंदरी अनुमंडल में अवैध लॉटरी का कारोबार बेरोकटोक जारी है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। एक व्यक्ति द्वारा संचालित यह गैरकानूनी धंधा, झारखंड राज्य में लॉटरी पर प्रतिबंध के बावजूद, धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। हैरत की बात यह है कि वरीय प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय पुलिस को इस पूरे नेटवर्क की जानकारी होने के बावजूद, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
यह आरोप लगाया जा रहा है कि धनबाद जिले में उक्त व्यक्ति का “काला साम्राज्य” बेधड़क चल रहा है। झारखंड में लॉटरी पूरी तरह से प्रतिबंधित है, फिर भी प्रशासन की यह ‘निद्रा’ या ‘मौन’ समझ से परे है। सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित लॉटरी सिंडिकेट का मुख्य सरगना बिहार का कुख्यात वह व्यक्ति है। ऐसी चर्चा है कि वह मोटी रकम देकर झारखंड में अपने अवैध लॉटरी के खेल का जाल बिछा चुका है।

उस व्यक्ति का यह लॉटरी रैकेट धनबाद के कई भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और बाजारों में सक्रिय है। इनमें बलियापुर, सिंदरी-कंडारा मुख्य बाजार, मार्शलिंग गार्ड, गौशाला मुख्य बाजार, डोमगढ़ हटिया रोड़, बांध पोस्ट ऑफिस के पास, शहरपुरा नेहरू मैदान मुख्य मार्केट, शिव मंदिर मिलन मोड़, शहरपुरा हटिया, जय हिंद मोड़, रंगा माटी पानी टंकी और सुदामडिह, झरिया, गोविंदपुर, निरसा, कलियासोल जैसे इलाके शामिल हैं। इन सभी जगहों पर अवैध लॉटरी माफिया सक्रिय हैं। हर दिन बड़ी संख्या में लोग, जिनमें गरीब और बेरोजगार युवा प्रमुख रूप से शामिल हैं, लॉटरी टिकट खरीदते हैं। यह अवैध कारोबार न केवल लोगों की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे कई घरों के उजड़ने की आशंका बढ़ गई है।

विशेष रूप से सिंदरी अनुमंडल में, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि एक दिन में करोड़ों रुपये की लॉटरी बेची जाती है। यह दर्शाता है कि लॉटरी माफिया उक्त व्यक्ति ने “नीचे से ऊपर तक” अपनी सेटिंग बिठाई हुई है, जिससे उसे किसी भी कार्रवाई का डर नहीं है।
भारतीय कानून के अनुसार, बिना लाइसेंस के लॉटरी चलाना लॉटरी विनियमन अधिनियम 1998 के तहत एक गंभीर अपराध है। इसके लिए जुर्माना और कारावास दोनों की सजा हो सकती है। फिर भी, धनबाद में यह अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है, जो शासन-प्रशासन की निष्क्रियता और कानून के प्रति उनकी उदासीनता को स्पष्ट रूप से उजागर करता है।
यदि जल्द ही इस अवैध कारोबार पर लगाम नहीं कसी गई और उस व्यक्ति पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थानीय लोगों और विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह स्थिति न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनेगी, बल्कि समाज में असंतोष को भी बढ़ावा देगी। प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि गरीब परिवारों को बर्बाद होने से बचाया जा सके और कानून का राज स्थापित हो सके।
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