

पटना : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला मामले में एक बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने इस मामले में निचली अदालत में उनके खिलाफ आरोप तय करने की सुनवाई को टालने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने लालू यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई अब टाली नहीं जाएगी।इस फैसले के बाद अब निचली अदालत में उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, जिससे लालू यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे या उनके परिवार के सदस्यों से जमीनें लीं। इस घोटाले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव सहित कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।

लालू यादव ने अपनी याचिका में आरोप तय करने की सुनवाई को टालने का अनुरोध किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। इस आदेश के बाद अब उन्हें इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब लालू यादव पहले से ही चारा घोटाला मामलों में कानूनी उलझनों का सामना कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनके और उनके परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
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