

आदित्यपुर : कोल्हान के एकमात्र आदित्यपुर स्थित ईएसआईसी हॉस्पिटल में डायलिसिस सेंटर बंद होने का नोटिस लगने से 70 से 80 घरों के परिजनों का जीना बेहाल हो गया हैं. पेशेंट के परिजन इस समस्या से निदान पाने के लिए जगह-जगह भटक रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार अहले सुबह एक नोटिस डायलिसिस सेंटर के बाहर चिपकाए गया. जिसमें साफ अक्षरों पर लिखा था कि नेफ्रो के साथ किया गया टेंडर ईएसआईसी हॉस्पिटल के साथ समाप्त हो चुका है. जिसके बाद पेशेंट के परिजनों में अफरा तफरी मच चुकी है. पेशेंट के परिजनों ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट से मिलकर हल निकालने की कोशिश की.लेकिन वहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ा. साथ ही मामला ज्यादा तुल ना पकड़े शाम तक टाल दिया गया. मगर शाम होते ही उनके द्वारा कुछ भी आश्वासन नहीं मिला.
पेशेंट के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि 70 से 80 मरिज ईएसआईसी हॉस्पिटल में डायलिसिस करवा रहे थे. मगर अचानक टेंडर समाप्त हो जाने के बाद से ही परिजनों में डर का माहौल पैदा हो गया है. टेंडर अचानक समाप्त होने के बाद से ही परिजनों ने आयुष्मान कार्ड के तहत भी सुविधा लेने की कोशिश की गई लेकिन वहां पर भी कोई स्लोट खाली होने की जानकारी नहीं मिली. उन्होंने बताया कि 70 से भी अधिक अपने परिवार के सदस्यों के लिए जीवन एवं मृत्यु से संघर्ष करना पड़ रहा है. अगर इसका समाधान जल्द से जल्द नहीं निकला गया तो हम लोग सभी पेशेंट को ईएसआईसी हॉस्पिटल गेट पर ही रखकर घर चले जाएंगे क्योंकि घर ले जाकर उन्हें मरते हुए देख सकते नहीं जिसके लिए उन्हें मुझे गेट पर ही छोड़ना पड़ेगा.

साथी ही एक मजदूर पिंटू उपाध्याय ने बताया कि मजदूर वर्ग कुर्मी का महीना का सैलरी 12000 से 15000 तक होती है. मगर एक डायलिसिस का खर्चा 28 से 30000 के करीब होता है वहीं इसमें दावा का भी अलग खर्च उठाना पड़ता है. 70 परिवारों के घर में किसी के मां, पिता, भाई एवं बहन एडमिड हैं.
हम लोग राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

इस संबंध में टीएमसी नेता बाबू तांती ने बताया कि श्रम आयुक्त को शर्म करना चाहिए. सरायकेला सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है जहां ठेकेदार के अंदर काम करने वाले कर्मचारी ईएसआईसी एवं पीएफ पर ही डिपेंडेंट रहते हैं मगर अचानक डायलिसिस सेंटर का बंद होने का नोटिस चिपका देने से 70 परिवारों के घरों में अंधेरा छाने लगा गया है. अगर इस समस्या का समाधान जल्द ही नहीं निकला गया तो मरीज को गेट पर ही बैठा देंगे. घर पर तड़प कर मरते हुए कोई भी नहीं देख सकता हैं . टीएमसी नेता ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रबंधक इसका निदान नहीं करते हैं तो अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.
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