

रांची: अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर कुड़मी समाज द्वारा 20 सितंबर 2025 को प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि आंदोलन के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति किसी भी हाल में बिगड़नी नहीं चाहिए और न ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन होना चाहिए।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में विशेष रूप से यह भी कहा कि आंदोलन के कारण चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाएं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और आम जनजीवन बाधित नहीं होना चाहिए। अदालत ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को इस संबंध में विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।

अदालत में सुनवाई के दौरान, आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से एक लिखित आश्वासन दिया गया। समाज ने कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और वे किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। साथ ही, उन्होंने प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने का वादा भी किया।

हाई कोर्ट के इन सख्त निर्देशों के बाद, जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि, “कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने बताया कि प्रशासन, रेलवे, परिवहन विभाग और पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर हालात पर लगातार नजर रखे हुए है। प्रशासन ने आम जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
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