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IIT (ISM) धनबाद में थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (INCOTHERM 2025) का भव्य शुभारंभ

Byadmin

Oct 11, 2025

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ऑन थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग (INCOTHERM 2025) का उद्घाटन आज गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में हुआ। यह महत्वपूर्ण आयोजन संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह का हिस्सा है।

मुख्य अतिथि ने नवाचार पर दिया जोर

सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि प्रो. पी.एस. ली (प्रमुख, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर – NUS) ने वैश्विक चुनौतियों पर प्रकाश डाला:

उन्होंने सस्टेनेबल कूलिंग, ऊर्जा दक्षता और वेस्ट हीट रिकवरी के बढ़ते महत्व पर जोर दिया।

प्रो. ली ने बताया कि उष्णकटिबंधीय जलवायु में डेटा सेंटर्स जैसी प्रणालियों के लिए ताप प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। उनकी टीम इस समस्या से निपटने के लिए ओह्मिक हीटर तकनीक का उपयोग कर सटीक तापीय नियंत्रण पर काम कर रही है।

 

विशिष्ट अतिथि ने प्रतिभा को सराहा

विशिष्ट अतिथि प्रो. सरित कुमार दास (इंस्टीट्यूट प्रोफेसर, आईआईटी मद्रास) ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उसे सही दिशा और अवसर देने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे सम्मेलन देश के शैक्षणिक वातावरण को सशक्त बनाते हैं।

ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समन्वय

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने भारत की प्राचीन वैज्ञानिक परंपरा का उल्लेख किया और कहा कि ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समन्वय ही देश की आर्थिक प्रगति का आधार बन सकता है।

सम्मेलन आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. सुमनथ चट्टोपाध्याय (प्रमुख, यांत्रिक अभियंत्रण विभाग) ने कहा कि आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों की तरह ज्ञान और नवाचार की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।

प्रो. पवन कुमार सिंह (संयोजक) ने स्वागत भाषण दिया, जबकि प्रो. दीपक कुमार (संयुक्त संयोजक) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

 

प्रमुख विशेषज्ञ भागीदारी

यह तीन दिवसीय सम्मेलन थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीनतम शोध, तकनीकी नवाचार और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें देश-विदेश के कई विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

प्रो. बी.बी. साहा (क्यूशू यूनिवर्सिटी, जापान)

प्रो. एम. रामगोपाल (आईआईटी खड़गपुर)

प्रो. ए. अग्रवाल (आईआईटी बॉम्बे)

प्रो. एस. अंसुमाली (जेएनसीएएसआर, बेंगलुरु)

 

 

 

 


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