
पंकज ठाकुर
*बड़कागांव।* बड़कागांव प्रखंड क्षेत्र में वर्षों से फल-फूल रहे अवैध नर्सिंग होम और फर्जी डॉक्टरों के कारोबार पर आखिरकार स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कस दिया है। सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार के नेतृत्व में गुरुवार की सुबह की गई औचक छापेमारी से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चली इस विशेष कार्रवाई में कई नर्सिंग होम और जांच केंद्रों के ताले लटकते पाए गए। जैसे ही निरीक्षण की खबर क्षेत्र में फैली, कई संचालकों द्वारा अपने नर्सिंग होम केंद्र बंद कर फरार हो गए। वहीं कुछ स्थानों पर केंद्रों को आनन-फानन में बंद कर दिया गया। इस कार्रवाई ने बड़कागांव की स्वास्थ्य व्यवस्था की वास्तविकता उजागर कर दी।

*छापेमारी में उजागर हुई स्वास्थ्य तंत्र की हकीकत*
निरीक्षण टीम ने सबसे पहले शांति सेवा सदन का दौरा किया, जहाँ सभी दस्तावेज और व्यवस्थाएँ नियमों के अनुरूप पाई गईं। इसके बाद बंधन नर्सिंग होम पहुँची, जहाँ संचालक राजेश कुमार साव सूचना मिलते ही संस्थान बंद कर फरार हो गए। इसी क्रम में आरोग्य नर्सिंग होम, इंडियन सिटी नर्सिंग होम और सेवन स्टार नर्सिंग होम भी बंद पाए गए। आखिर कब तक चिकित्सा पदाधिकारी के नाक के नीचे चलते रहेंगे दर्जनों अवैध नर्सिंग होम? कार्रवाई क्यों नहीं? क्यों सिविल सर्जन के पहुंचते ही बंद हो जाते हैं नर्सिंग होम। कहीं चिकित्सा पदाधिकारी की मिलीभगत तो नहीं है। चर्चा हो रही थी की इसकी भी अच्छी तरह से जांच होनी चाहि।
सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि जो भी नर्सिंग होम निरीक्षण के दौरान बंद पाए गए हैं, वे बिना लाइसेंस या पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य विभाग इन सभी के विरुद्ध शीघ्र कानूनी कार्रवाई करेगा। किसी भी अवैध केंद्र को बख्शा नहीं जाएगा।
*बिना चिकित्सक के चल रहा अल्ट्रासाउंड सेंटर*
निरीक्षण के दौरान बिना डॉक्टर की मौजूदगी में अल्ट्रासाउंड जांच किए जाने पर सिविल सर्जन ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिना पंजीकृत चिकित्सक के पैथोलॉजी या अल्ट्रासाउंड जांच कराना कानूनन अपराध है। यदि कोई केंद्र लिंग जांच जैसे गंभीर अपराध में संलिप्त पाया गया तो उस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
छापेमारी दल में सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अविनाश कुमार, मलेरिया विभाग डॉ. कपिल मुनि, कार्यक्रम पदाधिकारी समरेश सिंह सहित कई स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।
*दीपावली पूजा में अवैध नर्सिंग होमों से मोटी रकम की वसूली की चर्चा*
सूत्रों के अनुसार, दीपावली पूजा के दौरान बड़कागांव के कई अवैध नर्सिंग होम संचालकों से कथित रूप से “मोटी रकम वसूली” की गई थी। यह भी आशंका जताई जा रही है कि छापेमारी की सूचना कुछ अंदरूनी अधिकारियों द्वारा पहले ही लीक कर दी गई थी। इसी कारण कई संचालक निरीक्षण से पूर्व ही अपने-अपने अवैध नर्सिंग होम बंद कर फरार हो गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि टीम के लौटते ही कुछ समय के बाद पुनः बंद नर्सिंग होमों के शटर दोबारा खुल गए, जिससे विभागीय मिलीभगत की चर्चा तेज हो गई है।
*सिविल सर्जन का सख्त संदेश*
सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि “अवैध नर्सिंग होम और फर्जी डॉक्टर मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह घोर आपराधिक कृत्य है। ऐसे लोगों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा। दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा।”
*जनता की उम्मीद: निर्णायक कार्रवाई की दरकार*
स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है, किंतु साथ ही यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई पहले भी होती रही है, परंतु कुछ ही समय बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। जनता का मानना है कि इस बार की छापेमारी केवल औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि अवैध चिकित्सा कारोबार पर निर्णायक प्रहार साबित हो।
लोगों की मांग है कि प्रशासन स्थायी रूप से ऐसे नर्सिंग होमों को सील करे और फर्जी डॉक्टरों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कठोर दंड सुनिश्चित करे। तभी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की साख बहाल हो सकेगी और आम जनता को असली राहत मिलेगी।
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