

धनबाद : झारखंड आंदोलन के जनक, झामुमो के संस्थापक, और राज्य की राजनीति के आधार स्तंभ, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से पूरा राज्य गहरे शोक में डूब गया है। उनके निधन की खबर से झारखंड के हर कोने में शोक की लहर दौड़ गई है। इस दुख की घड़ी में, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनका परिवार इस अपूरणीय क्षति से अत्यंत व्यथित है।
इसी दुख को साझा करने के लिए, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सदस्य नीलम मिश्रा और युवा मोर्चा के धनबाद जिलाध्यक्ष सूरज महतो ने नेमरा गाँव पहुँचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विशेष भेंट की और उनके प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। दोनों नेताओं ने शोक संतप्त परिवार के अन्य सदस्यों से मिलकर भी उन्हें सांत्वना दी। इस अवसर पर गांडेय विधायक और मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन, झामुमो नेत्री और शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन, और रामगढ़ विधायक ममता देवी भी मौजूद थीं।

इस मुलाकात के दौरान, सूरज महतो ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “दिशोम गुरु की सोच, उनका संघर्ष, और उनके सिद्धांत आज भी हम सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वे हमेशा हमारे दिलों में ज़िंदा रहेंगे।” उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड के लिए जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

दिशोम गुरु का जीवन झारखंड के इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने राज्य के लोगों के अधिकारों और पहचान के लिए आजीवन संघर्ष किया। उनका निधन न सिर्फ झामुमो बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक बड़ी क्षति है। झारखंड की राजनीति में ऐसे दूरदर्शी व्यक्तित्व बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। उनकी विरासत और प्रेरणा सदैव झारखंड के लोगों को सही राह दिखाती रहेगी।
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