
नीमडीह (सरायकेला): नीमडीह थाना क्षेत्र के हुंडरू पाथरडीह गांव में गुरुवार सुबह हाथियों ने एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर दिया। 35 वर्षीय कोकिल सिंह उस समय बाल-बाल बच गए जब 16 हाथियों के एक झुंड ने उन्हें घेर लिया। भागने की कोशिश के दौरान एक हाथी ने उन्हें सूंड से पकड़कर पास के खेत में पटक दिया।
रेस्क्यू और उपचार

घटना चातरमा जंगल के पास की है। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और वन विभाग को सूचित किया। चांडिल वन क्षेत्र के वनपाल राणा महतो ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायल को रेस्क्यू किया और नीमडीह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद कोकिल सिंह की गंभीर स्थिति (सिर में गहरी चोट) को देखते हुए उन्हें जमशेदपुर के MGM अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

क्यों बढ़ रहा है हाथियों का आतंक?
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र और दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के आसपास हाथियों का उपद्रव चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। ग्रामीणों और विशेषज्ञों के अनुसार इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
जंगलों की कटाई: पेड़ों की अवैध कटाई से हाथियों का प्राकृतिक आवास सिमट रहा है।
भोजन की कमी: जंगलों में आग लगने और पर्याप्त भोजन न मिलने के कारण हाथी गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं।
असुरक्षा: जंगल में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ने से वन्यजीव खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
वन विभाग के प्रति आक्रोश
हाथियों के झुंड शाम ढलते ही गांवों में घुसकर फसलों और घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे आम नागरिक दहशत में जीने को मजबूर हैं। करोड़ों के वन संरक्षण बजट के बावजूद जमीनी स्तर पर सुरक्षा और भोजन की व्यवस्था न होने से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी नाराजगी देखी जा रही है।
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