

नवीनगर से संदीप कुमार की रिपोर्ट
नवीनगर शहर के भवानों खाप व टंडवा सुर्य मंदिर के प्रांगण मे पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा का उत्सव की शुरूआत बुधवार को हुई। पंडाल मे भगवान गणेश की मुर्ति स्थापित कर विधि विधान और मंत्रोच्चारण कर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। दिन भर गणपति

बप्पा मोरिया के जयकारे गूंजते रहे। बाजार में भी उत्साह का माहौल देखा गया। बुधवार सुबह से ही लोग गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापना के लिए तैयारियां कर रहे थे। इस बीच लोगों ने गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के बीच विघ्नहर्ता गणेश जी का स्वागत

किया।वहीं, कई जगहों पर लोगों ने अपने घर पर विघ्नहर्ता गणेश की स्थापना पर विशेष पूजा अर्चना करवाई तो कहीं हवन यज्ञ करवाए गए।सनातन धर्म की मान्यता है कि भगवान गणेश की उपासना करने से सुख-समृद्धि, बुद्धि व बल आदि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी ऋद्धि-सिद्धि के साथ भू-लोक पर आते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
यही वजह है कि प्रतिवर्ष गणेशोत्सव मनाया जाता है। भगवान गणेश जी को दूर्वा और मोदक अत्यंत प्रिय है। गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इनकी पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
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