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गांधी जयंती 2025: 2 अक्टूबर को बापू को नमन, अहिंसा के पुजारी का जीवन, कार्य और संघर्ष

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Oct 2, 2025

 

 

प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मोहनदास करमचंद गांधी यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्मदिवस, गांधी जयंती, पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह दिन भारत में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है और इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भारत में हुई, जिसके बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड की यात्रा की। 1893 में वे एक कानूनी मामले के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका गए, जहां उन्होंने भारतीयों और अश्वेतों पर हो रहे रंगभेद और अन्याय का सामना किया। यहीं से उनके संघर्ष की शुरुआत हुई।

दक्षिण अफ्रीका से भारत तक का संघर्ष

दक्षिण अफ्रीका में, गांधी जी ने अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए सत्याग्रह (सत्य और अहिंसा पर आधारित विरोध) की अपनी अनूठी पद्धति विकसित की। 21 वर्षों के संघर्ष के बाद, 1915 में वे भारत लौटे।

भारत आने के बाद, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभाली और देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनके प्रमुख आंदोलनों में शामिल हैं:

चंपारण सत्याग्रह (1917): किसानों को नील की खेती के खिलाफ न्याय दिलाया।

असहयोग आंदोलन (1920): ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग करने से इनकार किया।

नमक सत्याग्रह/दांडी मार्च (1930): नमक कानून के उल्लंघन द्वारा अंग्रेजों को चुनौती दी।

भारत छोड़ो आंदोलन (1942): ‘करो या मरो’ का नारा देकर ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की अंतिम लड़ाई लड़ी।

गांधी जी की जीवनी और विरासत

गांधी जी की जीवनशैली सादगी, खादी के उपयोग और आत्म-निर्भरता पर आधारित थी। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ आवाज उठाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। उनका मानना था कि अहिंसा, सत्य और नैतिक बल सबसे बड़े हथियार हैं।

उनके इन्हीं आदर्शों और संघर्षों के कारण 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। हालांकि, 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। गांधी जी आज भी अपने विचारों, अहिंसा के सिद्धांत और ‘स्वराज’ के सपने के लिए पूरी दुनिया में प्रासंगिक हैं।


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