

सरायकेला खरसावां जिले में बालू माफिया का दबदबा फिर से चलने लगा है. जिला प्रशासन को बालू माफिया हर दिन नई-नई चुनौतियां देने लगे हैं. गम्हरिया थाना क्षेत्र के समाराम घाट हो पिया कांड्रा थाना क्षेत्र के मानिकुई घाट हो. इन सभी बालू घाटों से बालू माफिया बालू का अवैध उठाव करते रहते हैं. मंगलवार की अहले सुबह अवैध बालू खनन के खिलाफ सरायकेला पुलिस प्रशासन एक्शन में नजर आई. जहां एसडीओ के निर्देश पर सरायकेला अनुमंडल क्षेत्र के अलग- अलग थाना क्षेत्र के बालू घाटों पर औचक छापेमारी की गई. इसी कड़ी में गम्हरिया सीओ गिरेन्द्र टूटी ने पुलिस के संयुक्त रूप से सामरम नदी घाट में छापेमारी की. जहां धड़ल्ले से चल रहे अवैध बालू खनन जारी था. पुलिस को देख सभी ट्रैक्टर चालक भाग खड़े हुए.
वहीं सीओ ने घाट किनारे रखे लगभग 1000 सीएफटी बालू जप्त किया है. इधर कांड्रा थाने की पुलिस ने स्वर्णरेखा नदी घाट में छापेमारी की, हालांकि यहां पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगे. पुलिस प्रशासन के इस कार्रवाई के बाद बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. सवाल या उठना है कि आखिर तमाम सख्ती के बाद भी कैसे बालू माफिया अवैध खनन में जुट जाते हैं.
जिसके बाद ही गम्हरिया सीईओ एवं राजनगर थाना प्रभारी के संयुक्त रूप से राजनगर थाना क्षेत्र के सभी बालू घाटों में जांच किया गया मगर राजनगर के एक भी बालू की अवैध निकासी नहीं दिखी.
सवाल यह उठता है कि गम्हरिया थाना क्षेत्र के समाराम घाटों के समीप 1000 सेफ्टी को बालू को जप्त होना.स्थानीय थाना को इस पर ध्यान नहीं जाना यह अलग ही सवाल खड़ा करता है. आए दिन अवैध बालू के निकासी से सरकार को सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है,साथ ही आसपास के रहने वाले ग्रामीणों को नदी में नहाने वक्त डूबने का डर बढ़ भी ज्यादा बन गया है. बालू की अवैध निकासी से पानी का स्तर भी काफी कम हो गया हैं अगर ससमय पर इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई नहीं की गई तो पर्यावरण पर भी काफी असर पड़ेगा. कुछ महीनों पूर्व भी सामरम नदी घाटों से बालू की अवैध निकासी के लिए दो ट्रैक्टर भी जप्त किया गया था जिसमें पूर्व एसपी ऋषभ कुमार ने बड़ी कार्रवाई की थी.
सवाल यह उठता है कि बालू माफिया का हौसला अफजाई कौन करता है?
क्या इसमें सफेद पोस एवं अन्य पदाधिकारी भी शामिल होने की गुंजाइश है?
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