
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख करीब आने के बावजूद कांग्रेस सीटों और उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने में फंसी दिख रही है। इस देरी ने प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं और दावेदारों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है।
पार्टी के अंदर उबाल इस बात को लेकर है कि सीटों की संख्या उम्मीद से कहीं कम मिली और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव रहा।कार्यकर्ताओं ने बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पर टिकट वितरण में अनदेखी और कुछ चुनिंदा लोगों को तरजीह देने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक, कई दावेदार पिछले छह-आठ महीनों से लगातार जनसंपर्क में लगे रहे, पार्टी अभियानों जैसे ‘माई-बहिन योजना’ और ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को जमीन पर उतारा, लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन अब टिकट फाइनल करने की प्रक्रिया में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि अल्लावरू ने टिकट के दावेदारों से मेहनत तो करवाई, पर अब फोन तक नहीं उठा रहे हैं।कांग्रेसी नेता किशोर कुमार झा ने भी अपने बयान में कहा कि गठबंधन में कांग्रेस को अपेक्षित सीटें नहीं मिली हैं और उम्मीदवार चयन की कसौटी अस्पष्ट है। उन्होंने आरोप लगाया कि “कुछ अवांछित लोग” सिस्टम पर हावी हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मान की खुली अनदेखी की गई है।

वहीं, मुंगेर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जिलों के कई टिकट दावेदारों ने चयन मानदंडों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।राजद के साथ सीट बंटवारे में कांग्रेस की कमजोर स्थिति ने भी आंतरिक असंतोष को और बढ़ा दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी रणनीतिकारों को कार्यकर्ताओं के गुस्से का अंदेशा है, इसलिए टिकटों की आधिकारिक घोषणा फिलहाल टाल दी गई है। लेकिन अंदरूनी हलचलों से यह संकेत मिल रहा है कि जैसे ही उम्मीदवारों की सूची जारी होगी, कई जिलों में बगावत और विरोध के स्वर तेज होंगे।राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस प्रकार टिकट वितरण में नाराज कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है, उसका खामियाजा कांग्रेस को चुनावी नतीजों में उठाना पड़ सकता है।
अनेक कार्यकर्ता अब खुले तौर पर चेतावनी दे रहे हैं कि वे “अनुचित टिकटधारियों” को जीतने नहीं देंगे। पार्टी के भीतर यह उथल-पुथल संकेत दे रही है कि कांग्रेस को संगठनात्मक एकजुटता बनाए रखना इस चुनाव में बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
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