
राजीव कुमार झा
जदयू के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में नहीं उभर पाने पर राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के लिए यह संभव है कि भाजपा को सरकार गठित करने में वह समर्थन प्रदान करें और इसके बाद नीतीश कुमार गृह विश्राम में चले जाएं। सचमुच नीतीश कुमार अब थके मांदे नेता ही प्रतीत होते हैं। संजय कुमार झा को नीतीश कुमार ने स्टार नेता बना दिया है और वह आसानी से मुख्यमंत्री का पद संभाल सकते हैं।

यह तय है कि चुनाव के बाद भाजपा से आकार में छोटी पार्टी होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर अपनी असहमति की दशा में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार गठित करने में कोई संकोच नहीं करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इसलिए इस बार कोई जान नहीं है। लखीसराय में भी वोट बैंक चुका है और विजय कुमार सिन्हा के मुकाबले उम्मीदवार खोजने में महागठबंधन को परेशानी हो रही है।
लखीसराय में जनता विजय कुमार सिन्हा को समर्पित जन प्रतिनिधि के रूप में देखती है। अनगिनत नेताओं को हस्तक्षेप के बावजूद सारे मुख्य उम्मीदवार दो भागों में राजग और महागठबंधन में बंटे दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर राजग में शामिल भाजपा के नेताओं ने मौन धारण कर रखा है। जदयू के नेता नीतीश कुमार को अपना नेता मान रहे हैं लेकिन भाजपा की तरफ से चुप्पी छाई हुई है और इससे सबकुछ पता चल रहा है।
जाहिर है कि भाजपा जदयू के सहयोग से ही सरकार बना पाएगी और ऐसा ही जदयू के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के बारे में भी कहा जाता है लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से असहमति की परिस्थितियों में नीतीश कुमार महागठबंधन से भी सहयोग लेते रहे हैं।
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