
पटना/सीमांचल: बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 24 सीटों पर मुकाबला अब बेहद दिलचस्प हो गया है। पहले से ही एआईएमआईएम (AIMIM) की चुनौती झेल रहे महागठबंधन के लिए, अब प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले ‘जन सुराज’ ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
जन सुराज द्वारा इस क्षेत्र में अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के कारण महागठबंधन की चिंता बढ़ गई है। पारंपरिक रूप से इस क्षेत्र को महागठबंधन के MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण का गढ़ माना जाता है।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जन सुराज की सक्रियता और अल्पसंख्यक वोटों के विभाजन से महागठबंधन को सीधा नुकसान हो सकता है। जन सुराज की रणनीति साफ है कि वह महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाकर मुकाबला त्रिकोणीय बनाना चाहती है। महागठबंधन अब इस संभावित वोट कटवा असर को कम करने की रणनीति पर विचार कर रहा है, ताकि सीमांचल की सीटें उसके खाते से फिसल न जाएं।

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