

पटना, बिहार: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ (हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा) NDA के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हमेशा NDA का साथ देने का दावा करने वाले मांझी ने इस बार पलटवार करते हुए कहा है कि अब NDA को उनका साथ देना होगा।
मांझी ने अपनी पुरानी मांग 15 सीटों की संख्या दोहराई है और चेतावनी दी है, “लड़ेंगे तो 15 पर, वरना एक पर भी नहीं।”

उन्होंने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के ‘चहेते’ और ‘चेले’ हैं, और NDA को उन्हें अपमानित नहीं होने देना चाहिए। मांझी की नाराजगी इसलिए भी है क्योंकि बीजेपी कथित तौर पर उन्हें केवल 7-8 सीटें देने को तैयार है, जबकि उन्हें राज्य स्तर पर पार्टी की मान्यता बनाए रखने के लिए 15 में से 8-9 सीटें जीतना जरूरी है।

मांझी ने इशारों में अन्य छोटे सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसका एक विधायक नहीं है, वो भी खुद को बड़ा समझता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर 15 सीटें मिलती हैं, तो वह 8-9 सीटें जीतकर दिखाएंगे।
दूसरी तरफ, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने सीधे तौर पर नाराजगी नहीं जताई है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि उनकी मांग केवल ‘बिहार फर्स्ट’ की है, न कि पद या सीटों की। उन्होंने कहा कि बातचीत अच्छे तरीके से चल रही है, लेकिन उनके बयान भी इशारों में ‘लड़ाई’ का संदेश दे रहे हैं।
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