

सरायकेला: चौका थाना क्षेत्र के खुंटी पहाड़धार में स्थित नर्सिंग इस्पात कंपनी के विस्तार के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध लगातार तेज हो रहा है। ईचागढ़ के खूंटी गांव में आयोजित एक ग्राम सभा में ग्रामीणों ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए और कंपनी परिसर में होने वाली जनसुनवाई का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
कंपनी पर मनमानी और शोषण का आरोप

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कंपनी उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। कम मजदूरी, कृषि को हो रहे नुकसान और बढ़ते प्रदूषण जैसे मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हाल ही में विश्वकर्मा पूजा के दौरान कंपनी के गेट से उन्हें खदेड़ दिया गया और उनके साथ मारपीट भी की गई।

ग्रामीणों का कहना है कि अब कंपनी प्रबंधन महिला समितियों को लालच देकर आगामी जनसुनवाई में शामिल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इस साजिश का कड़ा विरोध किया है और साफ कहा है कि वे किसी भी कीमत पर कंपनी के विस्तार को स्वीकार नहीं करेंगे।
‘जनसुनवाई कंपनी की चारदीवारी के अंदर क्यों?’
ग्रामीणों ने 29 अगस्त को होने वाली जनसुनवाई का भी बहिष्कार करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि जनसुनवाई सार्वजनिक जगह पर होनी चाहिए, न कि कंपनी की चारदीवारी के भीतर। इससे पता चलता है कि कंपनी पारदर्शिता नहीं चाहती है।
ग्रामीणों की मांग है कि कंपनी के विस्तार की योजना को रद्द किया जाए और इसे किसी और जगह स्थापित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस संबंध में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के उपाध्यक्ष तरुण महतो ने कहा कि कंपनी पनला डैम का पानी चोरी-छिपे इस्तेमाल कर रही है, जिससे किसानों को मिलने वाला पानी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने इस शोषण का पुरजोर विरोध करने की बात कही।
मुखिया सुखराम मांझी ने चेतावनी देते हुए कहा, “यह जमीन हमारे पूर्वजों की है। हम इसे ऐसे ही लूटने नहीं देंगे।” इस बैठक में जिला परिषद सदस्य सविता मार्डी, पार्टी के महासचिव फुलचांद महतो समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।
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