

रिपोर्ट:-उमेश चौबे
बलियापुर में शनिवार को खेरवाल जुमिद गांवता के तत्वावधान में विश्व आदिवासी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। बलियापुर स्थित प्लस टू हाई स्कूल के मैदान में आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग, महिलाएं और बच्चे शामिल हुए।

इस अवसर पर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन समेत उन सभी महान विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने देश की आजादी और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वक्ताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए एक मिनट का मौन धारण किया।

वक्ताओं ने अपने भाषण में आदिवासियों की पहचान, संस्कृति और उनके अधिकारों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की अस्मिता उनके जल, जंगल और जमीन से जुड़ी है, इसलिए इन प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए सभी आदिवासियों को एकजुट होकर काम करना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण संदेश था, जिसने सभी उपस्थित लोगों में एकता और जागरूकता की भावना पैदा की।
इस समारोह का एक खास आकर्षण ऑलचिकी भाषा में आयोजित क्विज प्रतियोगिता रही। इस प्रतियोगिता में कक्षा 5 से 11 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। उच्च कक्षाओं में सुभाष सोरेन, सनिका किस्कू और हेम कुमारी ने पुरस्कार जीता, जबकि निम्न कक्षाओं में शिवनाथ सोरेन, साक्षी सोरेन और संजय सोरेन को पुरस्कृत किया गया।
इस आयोजन को सफल बनाने में देवनारायण सोरेन, महेश्वर मुर्मू, राजकुमार हेंब्रम, चंद्रकांत मुर्मू, सुरेश बासकी, रविश्वरार मरांडी, रतन मरांडी, सूरजकांत सोरेन, प्रवीण हांसदा, बिसू मांझी, नमिता हांसदा, अनिल किस्कू, मंजिला हांसदा, लबेशवर मुर्मू, राजेश मरांडी, रविन्द्र हांसदा, रमेश सोरेन और संजय मुर्मू जैसे कई प्रमुख लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह कार्यक्रम न केवल आदिवासियों की समृद्ध संस्कृति और विरासत का जश्न था, बल्कि उनके अधिकारों और एकजुटता को भी मजबूत करने का एक मंच था।
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