• Mon. Oct 13th, 2025

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 123वीं जयंती पर विकास फोरम ने किया श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन

Byadmin

Oct 12, 2025

 

गोविन्दपुर, सामाजिक संस्था विकास फोरम के तत्वावधान में भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 123वीं जयंती गोविन्दपुर स्थित पावन परिसर में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। यह आयोजन स्थानीय कार्यकर्त्ता रामाकांत सिंह के आवास पर अपराह्न 5 बजे शुरू हुआ, जिसकी अध्यक्षता विकास फोरम के अध्यक्ष बासुदेव गोस्वामी ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इसके बाद उपस्थित अतिथियों एवं सदस्यों ने उनके जीवन, संघर्ष और विचारों पर अपने-अपने उद्बोधन प्रस्तुत किए। वक्ताओं ने कहा कि जयप्रकाश नारायण केवल एक नेता नहीं बल्कि देश में सामाजिक चेतना और जनक्रांति के प्रतीक थे, जिन्होंने “संपूर्ण क्रांति” का नारा देकर युवाओं में नई ऊर्जा का संचार किया।

 

वक्ताओं ने कहा कि आज देश को फिर उस विचारधारा की आवश्यकता है जिससे समाज में समानता, न्याय और भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था स्थापित हो सके। उन्होंने लोकनायक के संघर्षमय जीवन की कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामाकांत सिंह, शंकर रविदास, जिनी लाल रजक, सुरेश कुमार चौधरी, विमल शर्मा, कृष्ण देव प्रसाद, सिपाही सिंह, जयकिशुन कुमार, उज्जवल कुमार दत्त, डॉ. घनश्याम मिस्त्री तथा गोवर्धन राय सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सभी ने लोकनायक के आदर्शों को आत्मसात करने और समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।

मंच संचालन का कार्य विकास फोरम के सचिव एस.एन. लाल त्यागी ने कुशलतापूर्वक किया। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण का आदर्शमय जीवन यह सिखाता है कि सच्ची राजनीति का अर्थ केवल सत्ता प्राप्ति नहीं बल्कि समाज सेवा और जनकल्याण होना चाहिए।

जयंती समारोह के अंत में विकास फोरम के सदस्य चन्देश्वर प्रसाद की माता चन्द्ररेखा देवी के 105 वर्ष की आयु में निधन पर उपस्थित सभी सदस्यों ने गहरा शोक व्यक्त किया। उनकी आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति देने के लिए एक मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना की गई।

इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आदर्शों का अनुसरण करने का संकल्प दोहराया और कहा कि उनकी “संपूर्ण क्रांति” का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके जीवनकाल में था। समारोह का समापन राष्ट्रहित के संकल्प और समाज सेवा के आह्वान के साथ किया गया।


There is no ads to display, Please add some
Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *