

आदित्यपुर। ईएसआईसी हॉस्पिटल में डायलिसिस का समय अवधी एक महीना बढ़ा दिया गया है. जिसमें सरायकेला के टीएमसी नेता बाबू तांती की अहम भूमिका रही है.
जिसमें परिजनों के समक्ष ही व्हाट्सएप के माध्यम से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को इस समस्या से अवगत कराया वहीं मेडिकल सुपरिंटेंडेंट द्वारा जानकारी दी गयी हैं कि डायलिसिस सेंटर बंद ना हो इसमें जल्द से जल्द नई प्रक्रिया लाई जाएगी.
इस संदर्भ में टीएमसी नेता बाबू तांती ने कहा कि यह जीत उन गरीब परिवार की हक़ की जीत है. जिसके लिए मैंने उनके साथ संघर्ष किया है. अगर 1 महीने बाद भी इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है तो मैं सदैव सुख दुख में उनके साथ रहूंगा.

बता दे कि बीते 5 मार्च को डायलिसिस सेंटर के बाहर एक नोटिस चिपकाए गया था. जिस नोटिस में लिखा गया था कि डायलिसिस सेंटर 6 तारीख से बंद हो जाएगा. इसके बाद मरीज के परिजनों ने समाजसेवी एवं मीडिया कर्मियों से सहयोग मांगा.

तत्पश्चात टीएमसी नेता ने बढ़ चढ़कर इस समस्या को उठाया एवं उनके हक के लिए लगातार खड़े रहे.
क्या था घटनाक्रम?
कोल्हान के आदित्यपुर में ठेका मजदूरों के लिए बने एकलौते ईएसआईसी सरकारी अस्पताल 5 मार्च को सुर्खियों में आ गया था. अस्पताल में डायलिसिस सेंटर बंद होने की नोटिस लगने से 70 से 80 घरों के परिजनों का परेशानी बढ़ने लगी थीं. मरीज के परिजन इस समस्या से निजात पाने के लिए जगह-जगह भटक रहे थे.
नोटिस डायलिसिस सेंटर के बाहर चिपकाए गया था जिसमें साफ अक्षरों पर लिखा था ईएसआईसी हॉस्पिटल के साथ
नेफ्रो के टेंडर समाप्त हो चुका है। जानकारी मिलते ही परिजनों में अफरा तफरी मच गई। मरीज के परिजनों ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट से मुलाकात कर समाधान के लिए आग्रह किया।लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा। बताया जा रहा इस दौरान 70 से 80 मरीज का डायलिसिस चलरहा था।अचानक टेंडर समाप्त होने की सूचना पर परिजनों में डर का माहौल बन गया था मजदूर बिटटू उपाध्याय ने बताया मजदूर वर्ग का महीना में सैलरी 12000 से 15000 तक होती है। डायलिसिस का खर्च 28 से 30000 के करीब होगा। उन्होंने राज्य सरकार व केंद्र सरकार से मीडिया के माध्यम से मदद के लिए गुहार लगाई। टीएमसी नेता बाबू तांती ने बताया श्रम आयुक्त को शर्म करने तक भी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि सरायकेला सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है जहां ठेकेदार के अंदर काम करने वाले कर्मचारी ईएसआईसी एवं पीएफ पर ही डिपेंडेंट रहते हैं लेकिन अचानक डायलिसिस सेंटर का बंद होने का नोटिस चिपकाने दुःखद है इससे से लगभग 70 परिवार बंचित हो रहे है। अगर समस्या का समाधान जल्द नहीं निकला गया तो मरीज को गेट पर ही बैठा देंगे। घर पर तड़प कर मरते हुए कोई भी नहीं देख सकता। टीएमसी नेता ने साफ चेतावनी देते हुए कहा अगर प्रबंधक निदान नहीं करते तो गेट पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा. जिसके बाद मेडिकल सुपरिंटेंडेंट द्वारा जानकारी दी गई की डायलिसिस की समय अवधि 1 महीना की बढ़ा दी गई है.
वहीं मरीजों के परिजनों ने कहा कि यह लड़ाई लगातार जारी रहेगी जब तक उन्हें अपने मरीज की पूरी सुविधा नहीं मिलती है. फिलहाल एक महीना का समय अवधि बढ़ाकर मेडिकल सुपरीटेंडेंट ने अपना पलड़ा झार लिया है. आप यह देखना दिलचस्प होगा कि एक महीना बात समय अवधि बढ़ा दी जाती है या एक महीना बाद समाप्त कर दी जाती है.
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