

सरायकेला खरसावां जिला में बालू का त्रासदी से मजदूर लोगो का जीना बेहाल हो गया हैं. बीते कई सालो से बालू घाटों का नीलामी नहीं होने से बालू घाट में कार्य करने वाले मजदूर भूख मरी के हालत में जी रहे हैं.
बता दे सालडीह बस्ती रामदास भट्टा के समीप झोपड़ी में रहने वाली महिला और पुरुष अपने बच्चों को दो वक्त का रोटी देने के लिए बालू घाटों से बोरा के सहारे कुछ बालू निकालकर उसे बेचा करते हैं . मगर सरकार द्वारा बालू घाटों में प्रतिबंध होने से पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है. जिसमें एक लूना साइकिल एवं दो व्यक्तियों को पकड़ा गया हैं . जिसके कारण महिलाएं अपने बच्चों के साथ आदित्यपुर थाना के परिसर में आकर बैठ गई है. वहीं उन्होंने दो वक्त का रोटी पाने के लिए थाना प्रभारी से गुहार लगा रही है.
इस संबंध में महिलाओं ने बताया कि कई साल पहले हरदेव सिंह ईटा भट्ठा में मजदूर का कार्य करने के लिए आए थे. भट्टा बंद हो जाने के बाद बालू घाटों में चलने वाले गाड़ियों में मजदूरी का कार्य भी करते थे. मगर कई सालों से बालू घाट बंद हो जाने के कारण मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. वहीं दूसरी जगह काम मांगने पर रोजगार भी नहीं मिलता है जिसके कारण विवश होकर छोटे-छोटे बच्चों को पालने के लिए बालू घाटों का सहारा लेना पड़ता है.
कुछ महिलाओं की आंखो से आंसू इतनी ज्यादा निकल रही थी कि जिसे उन्हें रोक पाना भी मुश्किल हो रहा था. वे लगातार दो वक्त की रोटी पानी के लिए थाना प्रभारी से गुहार लगा रही है. किंतु बालू घाटों में प्रतिबंध होने के कारण आदित्यपुर थाना प्रभारी भी असमर्थ दिखाई दे रहे हैं.
वही आदित्यपुर थाना में गुहार लगाने के बाद सरायकेला एस पी एवं डी सी महोदय के पास गयी हैं
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