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झारखंड में बदल रही है स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर 23 सालों में यहां चिकित्सा के क्षेत्र में कई सेवाओं का हुआ विस्तार

ByAdmin Office

Jul 1, 2023

 

झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल रही है. 23 वर्षों के सफर में राज्य की चिकित्सा सेवा सुदृढ़ हुई है. सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है. पहले राज्य में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज थे, जो अब आठ हो गयी है. रिम्स में नयी सेवा शुरू होने से मरीजों को लाभ मिल रहा है. एम्स देवघर और टाटा कैंसर अस्पताल के कारण राज्य के मरीजों को महानगरों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ रहा. हार्ट और कैंसर सर्जरी के अलावा गंभीर और सामान्य बीमारी का इलाज अब अत्याधुनिक तकनीक से संभव हो पाया है.

रिम्स. कैंसर, हृदय, किडनी के हैं अलग-अलग विभाग

राजधानी स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आरएमसीएच के रिम्स बनने के बाद सुपरस्पेशियलिटी विंग स्थापित किये गये हैं. कैंसर, हृदय रोग और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों के लिए अलग-अलग विभाग हैं, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम है.

कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में ओपेन हार्ट सर्जरी और बच्चों की हार्ट सर्जरी की जा रही है. किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा है. वहीं, कैंसर की जटिल सर्जरी भी की जा रही है. राहत की बात यह है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिकतर इलाज मुफ्त में किये जा रहे हैं. सर्जरी में उपयोग होनेवाले इंप्लांट का खर्च भी आयुष्मान भारत योजना से नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है.

सौगात…एम्स देवघर में मिल रहा बेहतर इलाज

इधर, राज्य में एम्स देवघर की स्थापना से मरीजों को बेहतर इलाज मिलने लगा है. ओपीडी में परामर्श के साथ-साथ उनको आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी की सलाह भी दी जा रही है. यहां सुपरस्पेशियलिटी विंग भी स्थापित की गयी है, जहां गंभीर बीमारी का इलाज भी किया जा रहा है.

शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए 633.01 करोड़ का आवंटन

राज्य में शहरी लोगों को उनके पास के स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को स्थापित किया गया है. अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयुष चिकित्सा पद्धति को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. यहां योग प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया है. इलाज का दायरा बढ़ाने के लिए अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इस मद में 633.01 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 125.17 करोड़, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 131.42 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 138 करोड़ का आवंटन किया गया है. इस आवंटित राशि से शहरों में 2000 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जायेंगे और वहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी.

सदर अस्पताल : 10 रुपये में सुपरस्पेशियलिटी सेवा

राजधानी में 520 बेड वाले सदर अस्पताल में मरीजों को बेहद सस्ती दरों पर जांच से लेकर उपचार तक की सुविधाएं मिल रही हैं. यहां गंभीर मरीजों को अब केंद्रीयकृत वातानुकूलित व्यवस्था के बीच कई सुपरस्पेशियलिटी सेवाएं मिल रही हैं. इमरजेंसी से लेकर आइसीयू व मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, पैथोलॉजिकल लैब और सेकेंड फ्लोर पर रेडियोलॉजी विभाग की सेवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं. अत्याधुनिक सर्जरी की सुविधा : सदर अस्पताल में 30 एडल्ट आइसीयू, 30 पीडियाट्रिक और 30 महीने के अंदर के नवजातों के लिए 20 एसएनसीयू की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है. हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट में रक्त विकार, ब्लड कैंसर उपचार की सुविधा, जेनेटिक डिसऑर्डर विभाग, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया सहित अन्य आनुवांशिक बीमारियों से जुड़े उपचार की सुविधाएं मामूली शुल्क पर दी जा रही हैं.

एक दर्जन विभागों में विशेषज्ञ

बाह्य रोगी विभाग में ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑब्स एंड गाइनी, इएनटी, डेंटल, यूरोलॉजी, ऑर्थो, स्किन एंड बीडी, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, कार्डियो डायबीटिक, फिजियोथेरेपी, फैमिली प्लानिंग काउंसलिंग, पीडियाट्रिक, इमरजेंसी ओपीडी, पैलियेटिव केयर वार्ड, डेंटल, डायलिसिस, मेंटल हेल्थ, कैंसर स्क्रीनिंग और जनरल सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टर सेवा दे रहे हैं.

कांके की मेडिको सिटी में मिलेगी हर सुविधा

राज्य सरकार रांची के कांके में 350 एकड़ में मेडिको सिटी की स्थापना करने की तैयारी कर रही है. इसमें मेडिकल कॉलेज, 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल, पारा मेडिकल संस्थान, नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर, फार्मेसी कॉलेज, आयुष अस्पताल आदि की व्यवस्था एक ही कैंपस में होगी. इसमें सभी संस्थान और अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित किये जायेंगे.

जन औषधि व अमृत फार्मेसी से मिल रहीं हैं सस्ती दवाएं

राज्य के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र और अमृत फार्मेसी की शुरुआत भी की गयी है. यहां पर 80 से 85 फीसदी तक जेनेरिक दवाओं पर छूट दी जाती है. अमृत फार्मेसी में सर्जिकल आइटम और ब्रांडेड दवाओं पर 20 फीसदी तक छूट दी जाती है.

संक्रामक बीमारियों की जांच के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं

संक्रामक बीमारियों की जांच की सुविधा भी रिम्स में उपलब्ध है. पहले सैंपल भुवनेश्वर और कोलकाता भेजा जाता था. इसके अलावा सभी जिलों में आरटी-पीसीआर और ट्रूनेट के माध्यम से भी जांच सुविधा है. वहीं, रांची और दुमका में कोबास मशीन से भी जांच हो रही है.

राज्य में 8,165 व्यक्ति पर एक डॉक्टर

आबादी के हिसाब से डॉक्टरों के मामले में देश की तुलना में झारखंड अब भी पीछे है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 1,324 लोगों के इलाज के लिए एक डॉक्टर हैं. वहीं, झारखंड में 8,165 लोगों पर एक डॉक्टर है. इधर, राज्य के एक अस्पताल पर 65,832 लोगों के इलाज का दबाव भी है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में कुल बेड की संख्या 11,184 है, जो वर्ष 2001 की तुलना में दोगुनी से अधिक है.


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