

एकता विकास मंच की एक आवश्यक बैठक रांची में केंद्रीय अध्यक्ष ए के मिश्र की अध्यक्षता में हुई ।जिसमें एकता विकास मंच के सलाहकार संरक्षक अवकाश प्राप्त प्रशासनिक पदाधिकारी एवं न्यायिक सेवा से अवकाश प्राप्त पदाधिकारी उपस्थित हुए। संगठन की मजबूती और विस्तार पर सभी पदाधिकारियों द्वारा अपना मंतव्य और सुझाव सलाह देते हुए माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए 1932 के खतियान के आधार पर आधारित स्थानीय नीति बनाने की मंतव्य पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सभी ने एक स्वर में सड़क से सदन तक विरोध करने का निर्णय लिया। जिसके लिए जिलेवार प्रखंड वार कमेटी बनाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। झारखंड में अमन चैन से रह रहे लोगों के बीच स्वार्थ पूर्ण राजनीति के कारण झारखंड में भेदभाव की स्थिति पैदा कर झारखंड को अशांत किया जा रहा है। एकता विकास मंच शुरू से ही इस मुद्दे को लेकर आंदोलित है और एकता विकास मंच की स्पष्ट मांग रहा है कि 15 नवंबर 2000 पूर्व की संध्या तक जो भी व्यक्ति झारखंड में निवास करते हैं चाहे वे किसी भी जाति धर्म प्रांत या समुदाय की निवासी हो उन्हें स्थानीयता का दर्जा दिया जाए। मुख्यमंत्री इस तरह का 1932 का वक्तव्य देकर कर वेट एंड वॉच करगे,कि इसका विरोध किस स्तर पर हो रहा है। जोरदार विरोध नहीं हुआ तो लागू हो भी सकता है और विरोध हुआ तो नहीं भी हो सकता है ।इसलिए जो जहां है वहीं से इसका विरोध करें।
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