

फरवरी के तीसरे शनिवार को विश्व भर में ‘विश्व पैंगोलिन दिवस’ मनाया जाता है. ‘वर्ल्ड पैंगोलिन डे’ को मनाने का उद्देश्य पैंगोलिन जीव की प्रजाति के मिट रहे अस्तित्व को बचाना है. ये जीव उन संकटग्रस्त जीवों की प्रजाति में शामिल है. इसके संरक्षण के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं.
पैंगोलिन एक गहरे-भूरे या पीले-भूरे रंग का शुंडाकार जीव है. यह कुछ-कुछ सांप और छिपकली की तरह दिखाई देता है और स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आता है. ये चींटी और दीमक खाकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं. ‘वर्ल्ड पैंगोलिन डे’ मनाने का उद्देश्य पैंगोलिन जीव की प्रजाति के मिट रहे अस्तित्व को बचाना है.

पैंगोलिन उस संकटग्रस्त जीवों की प्रजाति में शामिल है, जिसकी संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है. दरअसल पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी से हो रही है. इसका सबसे ज्यादा प्रयोग ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिनमें किया जाता है. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के अनुसार दुनिया भर में जिन वन्य जीवों की अवैध तस्करी की जाती है उसमें 20 प्रतिशत का योगदान अकेले पैंगोलिन का है

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